Jan 28, 2023
मध्य प्रदेश के मुरैना में वायुसेना के दो लड़ाकू विमान सुखोई 30 और मिराज 2000 एक भीषण हादसे में दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी और अभ्यास उड़ान पर थे। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है जो जांच के बाद ही पता चलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसे के वक्त सुखोई 30 में दो पायलट और मिराज 2000 में एक पायलट था। खबरों के मुताबिक, दो पायलट सुरक्षित हैं और तीसरे पायलट के लिए बचाव कार्य जारी है। वायुसेना ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। इस हादसे को भारतीय वायुसेना के लिए बहुत बड़ी क्षति माना जा रहा है।
सुखोई-30एमकेआई: सुखोई-30 चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है, जिसका आधुनिक संस्करण रूसी कंपनी सुखोई और भारतीय कंपनी एचएएल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित सुखोई 30एमकेआई है। दो सीटों वाले इस मल्टीरोल फाइटर जेट को दुनिया के सबसे सक्षम फाइटर जेट्स में से एक माना जाता है। इस विमान में दो टर्बोजेट इंजन लगे हैं, जो अधिकतम 2120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकते हैं। इस विमान की कुल चौड़ाई 14.7 मीटर, लंबाई 21.9 मीटर और ऊंचाई 6.4 मीटर है। यह विमान कुल 38,800 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है। सुखोई 30 प्रति सेकंड 300 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। सुखोई एक बार में अधिकतम 3000 किमी की दूरी तय कर सकता है और हवा में ईंधन भरने के बाद विमान 8000 किमी तक जा सकता है।
सुखोई 30 दुनिया के सबसे भारी हथियारों से लैस लड़ाकू विमानों में से एक है और यह भारत निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल सहित कई घातक मिसाइलों को ले जा सकता है। इस विमान को भारतीय वायुसेना की रीढ़ माना जाता है। एक सुखोई 30MKI विमान की कीमत लगभग 62 मिलियन डॉलर है।
मिराज-2000: फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट द्वारा निर्मित मिराज 2000 फाइटर जेट भारतीय वायु सेना के शीर्ष लड़ाकू विमानों में से एक है। यह विमान पहली बार साल 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना था। भारतीय वायुसेना के पास 50 मिराज 2000 फाइटर जेट हैं। विमान एक सिंगल सीटर है जो सिंगल शाफ्ट SNECMA M53 इंजन द्वारा संचालित है। मिराज 2000 की लंबाई 14.36 मीटर, पंखों सहित चौड़ाई 91.3 मीटर है। इस विमान का कुल वजन 7500 किलो है, जो कुल 17 हजार किलो वजन लेकर उड़ सकता है। मिराज 2000 फाइटर जेट की टॉप स्पीड 2336 किमी प्रति घंटा है और यह एक बार में अधिकतम 1550 किमी की दूरी तय कर सकता है। बता दें कि मिराज 2000 रूस निर्मित सुखोई 30 से भी तेज उड़ान भर सकता है। मिराज अधिकतम 59 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम है।
मिराज 2000 लेजर-गाइडेड बम, हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। मिराज को थॉमसन सीएसएफ आरडीवाई रडार सिस्टम और सेक्सटेंट वीई-130 एचयूडी के साथ फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम से लैस किया गया है। यह उड़ान नियंत्रण, नेविगेशन, लक्ष्य जुड़ाव और हथियार फायरिंग डेटा प्रदर्शित करता है। भारत के अलावा फ्रांस, मिस्र, यूएई, पेरू, ताइवान, ग्रीस और ब्राजील की वायु सेनाएं भी मिराज 2000 विमानों का इस्तेमाल करती हैं। कारगिल युद्ध के दौरान मिराज 2000 विमानों ने सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी। मिराज 2000 लड़ाकू विमान की कीमत करीब 167 करोड़ रुपए है।