Jan 3, 2023
लोटन यात्रा निकालकर भोपाल आ रहे शिक्षक, संविदा कर्मी भी डटे भोपाल
सरकार के खिलाफ कर्मचारियों में नाराजगी है, जो साफ दिखाई देने लगी है। शिक्षकों ने लंबित मांगों को लेकर लोटन यात्रा निकाली है, जिसमें कुछ शिखक लोटते हुए सीहोर के रास्ते भोपाल आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि कुछ सरकारी तंत्र में कुछ तो खामी है जिसकी वजह से स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक सड़कों पर लोट रहे हैं। पहले जेल जा चुके हैं और महिलाएं सामूहिक मुंडन करा चुकी है। संवेदनशील सरकार में बैठे कुछ अधिकारी पलीता लगाने पर तुले हुए हैं, जिसका नतीजा साफ नजर आ रहा है।
इधर नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य अधिकारियों की मांग नहीं सुनी जा रही है, जिसके कारण वे हड़ताल पर डटे हुए हैं। जेपी अस्पताल परिसर में रोज सरकार और अधिकारियों के खिलाफ नारेजाबी कर रहे हैं। वहीं दैनिक वेतन भोगी से स्थाईकर्मी बनाए गए कर्मचारी रोज सड़कों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। कुछ को स्थाईकर्मी नहीं बनाया हैं तो जिन्हें स्थाईकर्मी बनाया, उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के प्रावधान ही नहीं किए हैं। इंजीनियर ग्रेड-पेड बढ़ाने की मांग को लेकर अलग मोर्चा खोलने वाले हैं। नियमित कर्मचारी पुरानी पेंशन बंद किए जाने को लेकर पहले ही गुस्से में है और कई राज्यों के कर्मचारियों के साथ मोर्चा खोल चुके हैं।
संविदा स्वास्थ्यकर्मी कर 15 दिसंबर से आंदोलन विभिन्न जगहों पर अपनी 2 सूत्रीय मांगों प्रदेश के संविदा स्वास्थ्यकर्मी 15 दिसंबर से आंदोलन कर रहे हैं। ये नियमतीकरण और निष्कासित कर्मचारियों की वापसी की मांग को लेकर अड़े हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के 18वें दिन रविवार को सरकार को सद्बुद्धि देने 1250 जेपी अस्पताल में यज्ञ किया था।
प्रदेश भर में विभिन्न जगहों पर हड़ताल पर बैठे 32000 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके पहले भी सरकार का ध्यान आकर्षण करने के लिए कर्मचारी मिट्टी खाना, मानव श्रृंखला बनाने जैसे प्रदर्शन कर चुके हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि लगातार बढ़ती महंगाई के बाद भी कर्मचारियों को कम मानदेय दिया जा रहा है, जिसमें परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। वहीं सरकार संविदा कर्मचारियों को 2013 से आश्वासन दे रही है, जबकि उनकी दो मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है।