Jul 3, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दे रहे हैं. उन्होंने एक दिन पहले ही लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब दिया था. इस बीच पीएम मोदी ने कांग्रेस को परजीवी बताते हुए विपक्षी नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते रहे. पीएम के भाषण के दौरान विपक्ष के सदस्य वेल में आ गये और जोरदार नारेबाजी की. विपक्ष के हंगामे के बीच भी पीएम मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब दिया.
कांग्रेस सबसे बड़ी संविधान विरोधी पार्टी है
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कांग्रेस संविधान की सबसे बड़ी विरोधी पार्टी है. कांग्रेस के लिए परिवार सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है. परिवार व्यवस्था किस संविधान के अंतर्गत पाई जाती है? कौन सा संविधान कैबिनेट प्रस्तावों को पलटने का प्रावधान करता है? जो लोग आज संविधान की जय कहते हैं, वे जय इंदिरा कहते थे. आपातकाल के पीड़ित आज उनके पास जाकर बस गए हैं. आज वे संविधान हाथ में लेकर काले कारनामे छिपा रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, 'क्या आप 1977 का चुनाव भूल गए हैं? जब रेडियो और अखबार बंद हो गए. देशवासियों ने लोकतंत्र की बहाली के लिए वोट किया. संविधान की रक्षा के लिए पूरी दुनिया में कोई भी चुनाव इससे अधिक महत्वपूर्ण नहीं है. देश ने 1977 में दिखा दिया कि भारत की रगों में लोकतंत्र किस तरह जिंदा है. आप देश को गुमराह कर रहे हैं.
मैं आपका दर्द समझता हूं
विपक्ष के वॉकआउट पर जब राज्यसभा अध्यक्ष ने इसे संसदीय परंपरा का अपमान बताया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं आपका दर्द समझता हूं, 140 करोड़ देशवासियों ने जो जनादेश दिया है, वो इन लोगों को पच नहीं रहा है. कल उसके सारे प्रयास विफल रहे, आज उसमें लड़ने की भी हिम्मत नहीं रही, इसलिए वह मैदान छोड़कर भाग गया. '
उनकी किस्मत में मैदान छोड़कर भागना लिखा है
राज्यसभा में भारी हंगामे के बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'यह सदन का अपमान है. देश की जनता ने उन्हें हर तरह से इस हद तक हरा दिया है कि अब उनके पास सड़कों पर चीखने-चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं बचा है. उनकी किस्मत में नारे लगाना, दंगा करना और मैदान छोड़कर भाग जाना लिखा है.'
आज वो घर से नहीं, हद से निकले हैं-धनखड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. तब अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने वॉकआउट की निंदा की और कहा कि इससे देश के 140 करोड़ लोगों को नुकसान होगा. आज वो घर से नहीं, हद से निकले हैं. ये हमारा या आपका अपमान नहीं है, ये सदन का अपमान है. उन्होंने मुझसे मुंह नहीं मोड़ा है, बल्कि भारत के संविधान से मुंह मोड़ा है. मैं बहुत दुखी हूं, भारत के संविधान का इतना अपमान, इतना बड़ा मजाक. मुझे उम्मीद है कि वे आत्मनिरीक्षण करेंगे.'
अगले 5 साल गरीबी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण साल होंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यहां कुछ लोग बैठे हैं जो कह रहे हैं कि क्या बात है, ये तो होना ही है. वे प्रतीक्षा में विश्वास करते हुए सरकार को ऑटो-पायलट मोड में चलाने के आदी हैं. हम कड़ी मेहनत में विश्वास करते हैं. अगले पांच साल बुनियादी सुविधाओं की संतृप्ति के हैं. आम मानवता को गरिमापूर्ण जीवन जीने की जरूरत है. हम उस तरह का शासन प्रदान करेंगे. गरीबी के खिलाफ लड़ाई में अगले पांच साल महत्वपूर्ण हैं . ये देश गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतेगा, ये मैं 10 साल के अनुभव के आधार पर बड़े विश्वास से कह रहा हूं. जब कोई देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाता है तो इसका असर जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ता है. विस्तार एवं विकास के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे.
सदन में विपक्ष का हंगामा
राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया है. विपक्षी नेता की नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन जारी है.
देश की जनता सिर्फ हम पर भरोसा करती है
राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ये चुनाव न सिर्फ पिछले 10 साल की उपलब्धियों पर मुहर है बल्कि भविष्य की नीतियों पर भी मुहर है. हमें मौका इसलिए दिया गया है क्योंकि देश की जनता को हम पर पूरा भरोसा है. पिछले 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को 10वें नंबर से पांचवें नंबर पर ले जाने में सफलता मिली है और जैसे-जैसे आंकड़े करीब आते हैं, चुनौतियां भी बढ़ती हैं और कोरोना के कठिन समय और संघर्ष की वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद भी हम सक्षम हैं. यह हमारी अर्थव्यवस्था को 10वें नंबर से पांचवें नंबर पर ले जाने में कामयाब रही है. इस बार देश की जनता ने हमें भारत को पांचवीं से तीसरी अर्थव्यवस्था में ले जाने का जनादेश दिया है और मुझे विश्वास है कि जनता के जनादेश से हम भारत को शीर्ष तीन में ले जाएंगे.
देश की जनता ने भ्रम की राजनीति को नकार दिया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने भ्रम की राजनीति को नकार दिया और विश्वास की राजनीति को स्वीकार किया. मेरे जैसे कई लोग हैं जिनका परिवार शीर्ष पर नहीं रहा, राजनीति ने उन्हें कुछ नहीं करने दिया लेकिन आज वे महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच गए हैं.' इसका कारण बाबा साहेब द्वारा दिया गया संविधान है. हमारे लिए संविधान केवल खंडों का संग्रह नहीं है बल्कि उसकी भावना महत्वपूर्ण है. परिस्थिति चाहे जो भी हो, संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है.
पीएम मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर कहा कि 60 साल बाद ऐसा हुआ है कि कोई सरकार तीसरी बार सत्ता में लौटी है. छह दशकों के बाद ऐसी घटना आम नहीं है. कुछ लोगों ने जानबूझ कर अपना मुंह दूसरी ओर कर लिया. पिछले दो दिनों से देख रहा हूँ कि हार भी स्वीकार हो रही है, मन को हराकर भी जीत स्वीकार हो रही है. हमारी सरकार के 10 साल हो गए हैं, अभी 20 साल बाकी हैं.