Oct 14, 2024
जबकि मुंबई पुलिस द्वारा पहले से ही गिरफ्तार किए गए दो शूटर हरियाणा के गुरमेल सिंह और उत्तर प्रदेश के मूल निवासी धर्मराज कश्यप हैं; एक अन्य आरोपी शिव कुमार फरार है.
पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की सनसनीखेज हत्या में मुंबई पुलिस द्वारा पकड़े गए दो शूटरों में से एक गुरमेल सिंह का हरियाणा से कनेक्शन है, जबकि दूसरे आरोपी की पहचान यासीन अख्तर के नाम से हुई है, जो पंजाब के जालंधर जिले का रहने वाला है. मुंबई पुलिस द्वारा पहले से गिरफ्तार किए गए दो शूटरों में हरियाणा का गुरमेल सिंह और उत्तर प्रदेश का रहने वाला धर्मराज कश्यप शामिल हैं; एक अन्य आरोपी शिव कुमार फरार है. मुंबई पुलिस ने एक अन्य आरोपी यासीन अख्तर की भी पहचान की है, जो पंजाब के जालंधर जिले का रहने वाला है. हरियाणा पुलिस के अनुसार, सिंह का पहले भी आपराधिक इतिहास रहा है, जिसमें उसके खिलाफ हत्या का एक मामला भी शामिल है. कैथल जिले के नरहर गांव का रहने वाला सिंह ने 2019 में अपने दोस्त अशोक के भाई सुनील की धारदार हथियार से 50 से ज्यादा बार वार कर हत्या कर दी थी. उसे पकड़ लिया गया और कैथल जेल भेज दिया गया, जहां उसका संपर्क कई गैंगस्टरों से हुआ. पता चला है कि 2022 में जमानत मिलने के बाद वह मुंबई भाग गया था. सिंह गैंगस्टर रोहित गोदारा का करीबी था, जो कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी सहयोगी था.
पुलिस के अनुसार सिंह के माता-पिता का निधन हो चुका है. उसके परिवार के अन्य सदस्यों ने बताया कि परिवार ने उसे 11 साल पहले ही त्याग दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स में उसकी दादी के हवाले से कहा गया है कि वह परिवार के लिए कुछ भी नहीं था और चाहे वह जिंदा रहे या मर जाए, परिवार को उसकी कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि परिवार को उसके बारे में चार महीने से ज्यादा समय से पता नहीं था.
इस बीच, जानकारी के अनुसार, पंजाब के जालंधर शहर का मूल निवासी यासीन का भी आपराधिक इतिहास रहा है और उसके खिलाफ सात मामले दर्ज हैं. उसे भी गिरफ्तार किया गया था और वह पटियाला जेल में बंद था, जहां उसने बिश्नोई गिरोह के अन्य बदमाशों से संपर्क बनाया था. वह इस साल जून में जमानत पर बाहर आया था.
गौरतलब है कि 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी को शनिवार रात मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय में तीन लोगों ने घेर लिया और गोली मार दी. उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था.
मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री की सनसनीखेज हत्या की जांच विभिन्न कोणों से शुरू की है, जिसमें संभावित कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता या झुग्गी पुनर्वास परियोजना को लेकर धमकी शामिल है. पुलिस एक सोशल मीडिया पोस्ट की भी पुष्टि कर रही है जिसमें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक कथित सदस्य ने हत्या की जिम्मेदारी ली है.