Apr 17, 2020
नई दिल्लीः भारत में कोरोना वायरस ने एक महीने में अपना कहर लगभग हर राज्य में फैला दिया। हर कोई इससे प्रभावित हुआ लेकिन समय रहते केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिल कर बड़े और कारगर फैसले लिए, जिसके कारण भारत की स्थिति चीन, इटली, अमेरिका देशों के जैसे भयावर नहीं हुई। इसे सरकार का सफल प्रयास ही कहेंगे कि कोरोना संक्रमण के केस बढ़ने में 40 फीसदी तक की गिरावट आयी है। 17 राज्यों के 27 जिलों में पिछले 14 दिन से संक्रमण का एक भी नया मामला सामने नहीं आया।
भारत में 17 अप्रैल तक कोरोना वायरस का असर
शुक्रवार को कोविड 19 के हालात पर गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान बताया गया कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 13835 हो गए हैं। इससे देश में अब तक 437 लोगों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे में 23 लोगों की मौत हुई है। 24 घंटे में देश में 1007 केस सामने आए हैं। देश में अब तक 13.6 फीसदी कोरोना मरीज संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। इनकी संख्या 1079 है। वहीं पिछले दिनों की तुलना में देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में हो रही बढ़ोतरी में गिरावट भी आई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 40 फीसदी तक कोरोना के नए मामलें कम हुए हैं। दरअसल, 15 मार्च से 31 मार्च तक कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी हुई, जिसका औसतन आंकड़ा 2.1 था, लेकिन 1 अप्रैल के बाद से आंकड़ा कम होकर 1.2 हो गया।
27 जिलों में 14 दिन से कोरोना का कोई नया मामला नहीं
संक्रमण से प्रभावित हुए 17 राज्यों के 27 जिलों में पिछले 14 दिन से संक्रमण के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं पुडुचेरी के माहे जिले में तो पिछले 28 दिनों में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। वे जो कोरोना मुक्त हैं, उनके नाम हैं- बिहार का पटना, पश्चिम बंगाल में नादिया, राजस्थान में प्रतापगढ़, गुजरात में पोरबंदर व गिर सोमनाथ, गोवा में दक्षिणी गोवा, उत्तर प्रदेश में पीलीभीत, जम्मू कश्मीर में राजौरी, उत्तराखंड में पौढ़ी गढ़वाल, छत्तीसगढ़ में राजनंदगांव, बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर, कर्नाटक में बेल्लारी, कोडगु, तुमकुरु, उडुपी, बेल्लारी, केरल में वायनाड व कोट्टयम, हरियाणा में पानीपत, मध्य प्रदेश में शिवपुरी, तेलंगाना में भद्रदिरि व कोठागुडम, मणिपुर में वेस्ट इंफाल, पुडुचेरी में माहे, मिजोरम में आईज़ोल वेस्ट और पंजाब में एसबीएस नगर।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने उठाये ये कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया तो वहीं 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित कर दिया। जिसके बाद 15 अप्रैल से 3 अप्रैल तक लॉक डाउन को फिर बढ़ा दिया गया। लॉकडाउन के कारण आवागमन एक दम ठप्प हो गया। इतना ही नहीं जिन क्षेत्रों से कोरोना संक्रामितों के मामले सामने आये उन्हें हॉटस्पॉट चिन्हित कर सील कर दिया गया। ऐसे में लोगों का घर से बाहर निकलना पूरी तरीके से प्रतिबंधित हो गया। भारत ने कोरोना संक्रमित मरीजों को जल्द से जल्द ठीक करने और उनके द्वारा संक्रमण फैलने से रोकने के लये देश में अब तक 1,919 कोविड 19 अस्पताल बनाए गए। इन अस्पतालों में 1.73 लाख आइसोलेशन बेड, 21,800 आईसीयू बेड हैं। इसके अलावा देश में बड़ी मात्रा में कोरोना की जांच किट तैयार करने का भी लक्ष्य है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में मई में 10 लाख स्वदेशी जांच किट बनाने का लक्ष्य है। देश में हर महीने 6000 वेंटिलेटर बनाने की योजना है। नोएडा में पोर्टिबल बैट्री बैकअप वाले वेंटिलेटर तैयार किये जा रहे हैं। कम्पनी 10 लाख वेंटिलेटर तैयार कर रही है।








