Aug 3, 2021
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका में नई आफत रेस्पिरेटरी सिन्शियल वायरस (RSV) ने दस्तक दे दी है। काफी अधिक संक्रामक यह बीमारी 2 सप्ताह से लेकर 17 साल की उम्र तक के बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट की है। विशेषज्ञ इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि बच्चों में यदि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े, तो वे क्या करेंगे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि RSV के मामले जून में धीरे-धीरे बढ़े, जिसकी दर बीते महीने बहुत अधिक रही। RSV का शिकार होने पर नाक बहना, खांसी, छींक और बुखार जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ह्यूस्टन स्थित टेक्सास चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में पीडियाट्रिशियन डॉक्टर हीदर हक ने ट्वीट करते हुए बताया कि, ‘कई महीनों तक शून्य या बेहद कम बच्चों के मामलों के बाद अब नवजात, बच्चे और कोरोना से संक्रमित किशोर अस्पतालों में एडमिट हो रहे हैं। ये संख्या हर दिन दिन बढ़ रही है।’
न्यूयॉर्क टाइम्स के आंकड़ों के मुताबिकं
बीते दो सप्ताह में अमेरिका में नए कोरोना वायरस संक्रमण के केस 148 फीसदी तक बढ़े हैं। जबकि, अस्पताल में भर्ती होने वाली मरीजों की तादाद में 73 फीसदी वृद्धि हुई है। तेजी से ऊपर जाते संक्रमण के ग्राफ की वजह डेल्टा वेरिएंट को माना जा रहा है। इसके साथ ही कई राज्यों में टीकाकरण की सुस्त दर भी बढ़ते मामलों की जिम्मेदार मानी जा रही है।