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समोआ ने चुनी अपनी पहली महिला प्रधानमंत्री, विरोधियों ने संसद में लगाया ताला

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May 25, 2021

प्रशांत सागर क्षेत्र में स्थित देश समोआ में सियासी उथल-पुथल चल रही है। यहां हाल ही में हुए चुनाव के बाद पहली बार एक महिला को प्रधानमंत्री चुना गया है। इस बीच सत्ता जाने से नाखुश वर्तमान पीएम ट्विलाएपा सैलेले मैलिलेगाओई ने पद छोड़ने से मना कर दिया है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि देश की मुखिया चुनी गईं नाओमी मताफा को संसद के बाहर एक तंबू में शपथ लेनी पड़ी दरअसल, विरोध के रूप में सत्तारूढ़ पार्टी ने संसद में ताला लगा दिया था।

समोआ में 40 सालों से शासन कर रही ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन पार्टी (HRPP) को मताफा की FAST पार्टी ने अप्रैल में हुए चुनाव में सत्ता से हटा दिया था। इसके बाद जब वे सोमवार को पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंची, तो उन्हें संसद के अंदर नहीं जाने दिया गया, क्योंकि वर्तमान सत्ताधारी दल ने गेट पर ताला लगा दिया था। हालांकि, इस विरोध के बाद भी मताफा ने अपने मंत्रियों के साथ बाहर टेंट में शपथ ली। इधर, मैलिलेगाओई इस समारोह को मानने तैयार नहीं हैं। उन्होंने इसे अनाधिकारिक करार दिया है।

HRPP और FAST के बीच देश में कड़ा मुकाबला हुआ था। इस दौरान दोनों पार्टियों ने 25-25 सीटें अपने नाम की थीं, लेकिन इसके बाद एक निर्दलीय विजेता ने FAST को अपना समर्थन दिया था। इस फैसले के बाद HRPP ने सत्ता बचाने के लिए कानून का सहारा लिया और अदालत में कहा कि विरोधियों ने महिला सांसद कोटे का पालन ठीक तरह से नहीं किया है। नतीजा यह हुआ कि देश में चुनाव आयोग ने अप्रैल के मतदान के नतीजों को रद्द किया और 21 मई को नए चुनाव का ऐलान किया ।
हालांकि, चुनाव से महज 5 दिन पहले देश के सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल के चुनाव को सही बताया। अदालत ने HRPP खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा कि मताफा का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होना चाहिए। खास बात है कि मैलिलेगाओई ने इस चुनाव से पहले देश पर 22 सालों तक शासन किया था। समोआ ने साल 1962 में न्यूजीलैंड से आजादी हासिल की थी।