Mar 29, 2019
पापमोचनी एकादशी व्रत, सभी तरह के पापों से मुक्ति दिलाने वाला है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास में आने वाली एकादशी इस वर्ष 31 मार्च, 2019, रविवार को आ रही है। इस एकादशी व्रत करने से मनुष्य जहां विष्णु पद को प्राप्त करता है, वहीं उसके समस्त कलुष समाप्त होकर निर्मल मन में श्रीहरि का वास हो जाता है। एकादशी व्रत सभी महीनों के शुक्ल और कृष्ण दोनों पक्षों में किया जाता है। फल दोनों का ही समान है। पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति होती है तथा मनुष्य को मोक्ष प्राप्ति मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
पवित्रता पूर्ण है यह पापमोचनी एकादशी
शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी का उपवास 80 वर्ष की आयु होने तक करते रहना चाहिए। किंतु असमर्थ व्यक्ति को उद्यापन कर देना चाहिए। च्यवन ऋषि के उत्कृष्ट तपस्वी पुत्र मेधावी ने मंजुघोषा के संसर्ग से अपना संपूर्ण तप, तेज खो दिया था किंतु पिता ने उससे चैत्र कृष्ण एकादशी का व्रत करवाया। तब उसके प्रभाव से मेधावी के सब पाप नष्ट हो गए और वह पहले की तरह अपने धर्म-कर्म, सदनुष्ठान और तपस्या में संलग्न हो गया। ऐसी पवित्रता पूर्ण है यह पापमोचनी एकादशी।
इस व्रत से संसार के हर मनुष्य के पाप दूर होकर उसे पुण्यफल की प्राप्ति होती है। अत: हर इंसान को अपनी सुविधा और सामर्थ्य के अनुसार एकादशी का व्रत-उपवास आदि रखकर निरंतर श्रीहरि के ध्यान में लीन रहना चाहिए।