Jan 7, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में भू-स्खलन के कारण डेंजर जोन में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है और सभी को चरणबद्ध तरीके से संवेदनशील स्थानों से स्थानांतरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में जोशीमठ में भूस्खलन से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। धामी ने बैठक में एकत्रित विशेषज्ञ टीम के सदस्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत भी की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थाई पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि तत्काल कार्य योजना के साथ-साथ लंबे समय से चल रहे कार्यों की लंबी प्रक्रिया पर विराम लगाते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवरेज और ड्रेनेज जैसे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने कहा, सरलीकरण और त्वरित कार्रवाई इसमें हमारा सबसे बड़ा मंत्र होना चाहिए।
जोशीमठ के मुद्दे पर हमारी कार्य योजना को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। हमारे लिए नागरिकों की जान सबसे कीमती है। सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मंडल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। जरूरत पड़ने पर एयरलिफ्ट भी तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में प्रभावित लोगों की आजीविका प्रभावित न हो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। लोगों को विपत्ति से उबारने के लिए जो भी मदद मिल सके करनी चाहिए। अत्यावश्यक कार्यों के लिए आपदा प्रबंधन नियमों के पालन की व्यवस्था की जाए।
छह माह का किराया देगी सरकार
छह महीने के लिए सरकार ने रु। 4,000 का भुगतान करेगा। जिला प्रशासन ने इसकी शुरुआत कर दी है। दरअसल, राज्य सरकार ने 2 सितंबर 2020 को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत उसे 500 रुपये का भुगतान करना था। इसके आधार पर चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने सचिव आपदा प्रबंधन को पत्र भेजकर सीएम राहत कोष से भुगतान की स्वीकृति मांगी है। आपदा प्रबंधन सचिव डॉ। रंजीत सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन ने नियमानुसार राशि का भुगतान शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने इन 10 निर्देशों को तत्काल लागू करने को कहा
1। डेंजर जोन वाले इलाके को तुरंत खाली करा लेना चाहिए।
2। सुरक्षित स्थान पर तत्काल अस्थाई पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाए।
3। जोशीमठ में सेक्टर वाइज प्लानिंग की जाए।
4। जोशीमठ में अविलंब आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए
5। पीपलकोटी, गौचर एवं अन्य स्थानों पर स्थायी पुनर्वास के लिए स्थान तलाशें।
6। कम प्रभावित क्षेत्रों में भी जल निकासी योजना बनाकर तत्काल कार्य प्रारंभ करें।
7। राहत शिविरों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना।
8। जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से लगातार संपर्क में रहे।
9। अन्य खतरे वाले क्षेत्रों को भी चिह्नित करें, लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं।
10। सैटेलाइट इमेज भी हो सकती हैं काम की, देखी जानी चाहिए।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ अलर्ट पर
मुख्यमंत्री ने प्रभावितों की मदद के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जोशीमठ में नालों आदि का काम मानसून से पहले पूरा कर लिया जाए।