Feb 16, 2023
कर्नाटक के मैसूर से अयोध्या पहुंचे दो विशालकाय पत्थरों के नमूनों को लेकर विशेषज्ञ विशेष मंथन कर रहे हैं. नेपाल के बाद कर्नाटक से आने वाले पत्थर का क्या मतलब है? अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़े एक संगठन के पदाधिकारी के मुताबिक अभी और पत्थर आएंगे और राम मंदिर की मूर्ति बनाने के लिए सबसे अच्छे और उच्चतम गुणवत्ता वाले पत्थरों का चयन किया जाएगा. मूर्ति के लिए अभी तक कोई पत्थर फाइनल नहीं हुआ है।
विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा कि मैसूर से लाए गए दो पत्थर भी अब रामसेवक पुरम में रखे गए हैं. पंकज ने कहा कि सभी पत्थरों को एक साथ रखा जा रहा है। मूर्ति कला का विशेषज्ञ इन पत्थरों को अपने स्तर पर परख कर मूर्ति बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। अभी और पत्थर आएंगे और मूर्तिकार उसमें से उपयुक्त सामग्री का चयन करेगा।
जो पत्थर आ रहा है, क्या उससे मूर्ति बनेगी?
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भारत में जहां भी इस तरह के पत्थर उपलब्ध हैं, उन सभी को मंगाया जा रहा है. चंपत राय के मुताबिक जरूरी नहीं है कि जिन पत्थरों को मंगवाया जा रहा है, उनसे ही मूर्तियां बनाई जाएं। ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि मूर्ति विशेषज्ञ तय करेंगे कि किस पत्थर से मूर्ति बनाई जा सकती है. मूर्ति विशेषज्ञ की स्वीकृति के बाद ही रामललानी की मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
गौरतलब है कि मरिया पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। मंदिर में गर्भगृह का काम दिसंबर 2023 में पूरा हो जाएगा और भगवान राम जनवरी 2024 यानी मकर संक्रांति को अपने गर्भगृह में विराजेंगे। दूसरी ओर भगवान राम की प्रतिमा के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पत्थर अयोध्या लाए जा रहे हैं।








