Aug 29, 2016
सिंगरौली। मिनीरत्न कंपनी में अधिकारी कर्मचारियों द्वारा किस तरह से भ्रष्टाचार किया जाता है इसका ताजा उदाहरण सिंगरोली जिले में देख सकते हैं। डंपिंग का पूरा मलवा सड़क पर देखा जा सकता है जिसकी वजह से गाड़ियां डूब गई हैं।
जानकारी के अनुसार एनसीएल की छ: परियोजनाओं में उत्खनन 80% से ज्यादा प्रभावित हो चुका है। जानकार बताते हैं कि निगाही कोल माईंस, जयंत कोल माइंस, दुधिचुआ कोल माइंस, अमलोरी कोल माइंस मे पानी भरा हुआ है। जहां करोड़ों की मशीनें पानी में डूबी हुई हैं। मानसून के पहले मेंटेनेंस का जो काम माइंस में होना चाहिए था वह नहीं हुआ जिसके चलते एक माइनस में पानी भर गया।
एनसीएल को महज 40 फीट की ऊंचाई तक डंपिंग करने की अनुमति मिली हुई है लेकिन अधिकारी अपनी मनमानी के चलते 70 से 80 फीट ऊपर तक डंपिंग कर रहे हैं। इतना ही नहीं माइनिंग प्लान के तहत जो सड़कें को भी डंपिंग से 50 मीटर से ज्यादा दूरी पर होनी चाहिए वो 20 से 30 मीटर दूरी पर चल रही है। एनसीएल परियोजना में काम कर रही यूनियन एटक के नेताओं ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा है की जो मेंटेनेंस भी काम बरसात के पूर्व होने चाहिए थे, वह नहीं हुए हैं। हालात निर्मित हुए हैं। जिसके चलते एनसीएल को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। कोयले के उत्पादन में 50% से ज्यादा की गिरावट आई है।