Oct 26, 2016
रायगढ़। जिले में ढोंगी बाबाओं की अब खैर नहीं, जिला पुलिस उन्हें खदेड़ने अलग तरह का अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए एक कार्यशाला लगाई जाएगी। जिसमें नागपुर की विशेष टीम द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी। आमजनता को विशेष टीम सलाह देगी कि वह किसी भी तांत्रिक व ओझाओं के चक्कर में ना पड़ें।
गौरतलब है कि जिले में ढोंगी व तांत्रिक बाबाओं का एकछत्र राज चल रहा है। खासकर के इनका निशाना गांव के भोले भाले ग्रामीणों के उपर होती है। ग्रामीणों को अपनी चंगुल में फंसाकर ऐसे बाबा मोटी रकम ऐंठते हैं। वहीं इनके द्वारा समाज में भूतप्रेत भगाने का चोचला किया जाता है। ये बाबा परेशान लोगों को लक्ष्य करते हैं और उनकी परेशानी को जड़ से खत्म का हवाला देकर मोटी रकम ऐंठते हैं। ऐसे में जिला पुलिस द्वारा चलाये जाने वाले अभियान के तहत अब ऐसे बाबाओं पर कार्रवाई की गाज गिरने वाली है।
तांत्रिक एवं ढोंगी बाबाओं को समाज से खदेड़ने पुलिस द्वारा पहले जनता को जागरूक किया जाएगा। इसके बाद शिकायत के आधार पर ऐसे ओझाओं पर कार्रवाई की जाएगी। बताया जाता है कि प्रदेश में सबसे पहले मुंगेली जिले में इस तरह का अभियान चलाया गया था। इसके बाद अब रायगढ़ में अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक करना आवश्यक है।
लिहाजा जनजागरूकता के लिए नागपुर से एक विशेष टीम बुलाई जा रही है। टीम द्वारा शहर में दो दिवसीय कार्यशाला की जाएगी। इसमें तांत्रिकों की मायाजाल, ढोंगी बाबाओं की समाज में भूमिका इत्यादि प्रक्रिया को नाटकीय रूप में किया जाएगा। वहीं तांत्रिक की वजह से समाज में व्याप्त बुराई को दर्शाया जाएगा। पुलिस का मानना है कि इससे कार्यशाला में पहुंचे लोगों की मानसिकता बदलेगी और वह ढोंगी बाबाओं पर भरोसा करना छोड़ सकते हैं।
गांव के लिए पुलिस की एक सार्थक कदम
जिला पुलिस अब गांवों में व्याप्त बुराईयों पर ध्यानाकार्षण कर रही है। ग्रामीण युवाओं की समिति बनने के बाद कुछ हद तक अपराध को नियंत्रित किया जा चुका है। वहीं अब ढोंगी व तांत्रिक बाबाओं पर कार्रवाई करके पुलिस की एक अलग तरह की छवि बनने वाली है। गौरतलब है कि ऐसे ओझाओं की सबसे ज्यादा ग्रामीण अंचलों में पकड़ रहती है। भोले भाले ग्रामीणों को अपने वश में करने के बाद उन्हें एक दूसरे के बारे में भड़काने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहता है। टोनही के जितने भी प्रकरण आते हैं उनमें अधिकतर ग्रामीण ओझाओं की भूमिका रहती है। उनके चंगुल में फंसने के बाद ग्रामीण मजबूरीवश उन्हें मनमुताबिक कीमत देते हैं। ऐसे में पुलिस का यह अभियान निश्चित ही गांवों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
जिले में जब भी किसी गांव में डायरिया फैलती है तो प्रभावित चिकित्सक के बजाए ओझाओं के पास पहुंचते हैं। पिछले साल बरमकेला ब्लॉक के एक गांव में इसी तरह का मामला देखा जा चुका है। ऐसे में पुलिस की नजर ऐसे गांवों के लिए भी विशेष तौर से रहने वाली है।
समाज में फैले ओझा व ढोंगी किस्म के बाबा पर हमारी विशेष नजर रहेगी। इसके लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है। शिकायत पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी होगी। - बीएन मीणा, पुलिस अधीक्षक