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जबलपुर पुलिस ने मृतक को लावारिश समझकर दफनाया, निकला आरक्षक

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Mar 7, 2018

जबलपुर पुलिस ने लापरवाही की सभी हदें पार कर दी है आम तौर पर अपराधियों के पतासाजी में उनके पीछे भागने वाली ये पुलिस अपने ही विभाग के कर्मचारी को नही पहचान पाई, आलम तो ये है कि जल्दबाजी के चक्कर में पुलिस ने मृत आरक्षक को लावारिश बता कर दफना दिया जब बाद में मृतक के कपड़ो और घड़ी के आधार पर पता चला तो मृतक कोई और नही बल्कि पुलिस आऱक्षक है तब तहसीलदार की उपस्थिती में शव को बाहर निकाल कर उसके परिजनों को सौपा जाता है।

बता दें कि राँझी थाना क्षेत्र के उदय नगर में दो दिन पहले एक युवक का तालाब में शव मिलता है जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुँचती है मौके पर पहुँची पुलिस की कार्यवाही की इतनी जल्दी रहती है कि वो स्पॉट पर ही ये घोषित कर देती है कि ये शव लवारिश है लिहाजा आनन फानन में शव का पोस्टमार्टम कर उसे तिलवारा के पास अज्ञात समझकर दफना दिया जाता है।

आज जब मृतक के परिवार वाले उसकी घड़ी-कपड़े और जूते के आधार पर उसकी पहचान करते है तो पता चलता है कि मृतक कोई और नही बल्कि आऱक्षक नरेश इनवाती है जो कि 24 फरवरी से लापता है वर्तमान में नरेश पुलिस लाईन में पदस्थ था और 24 फरवरी की शाम को बाईक से निकला था जिसके बाद से ही वो लापता हो गया। बेलबाग पुलिस के मुताबिक उसके गायब होने की सूचना बीते दिनो उसके बड़े भाई ने बेलबाग थाने मे भी करी थी मृतक आऱक्षक की विभागीय जाँच भी कुछ मामलो को लेकर चल रही थी।

राँझी पुलिस को आऱक्षक नरेश का शव 4 मार्च को उदय नगर स्थित तलाब मे मिलता है लाश पूरी तरह से गल चुकी हो थी लिहाजा उसका चेहरा पहचान पाना मुश्किल होता है इधर जल्दबाजी में कार्यवाही के चलते राँझी पुलिस भी शव को पोस्टमार्टम के लिए मेड़ीकल भेज दिया औऱ बाद में फिर उसे लावारिश समझ कर दफना दिया गया बहरहाल राँझी पुलिस की लापरवाही का दंश आरक्षक नरेश के परिवार वाले भी झेल रहें है और पहचान होने के बाद भी मृत आरक्षक का शव तहसीलदार के उपस्थित में फिर से बाहर निकाल कर उसके परिवार वालो को सौँपा जाता है।