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पीड़ित परिवार को करना पड़ा पुलिस की कारस्तानी का सामना

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Jan 18, 2018

इंदौर। इंदौर में लगातार विवाद समाने आ रहे है ऐसा ही विवाद सामने आया इंदौर के मल्हारगंज थाना क्षेत्र में। जब एक पीड़ित परिवार को पुलिस की कारस्तानी का सामना करना पड़ा और गम्भीर घायल होने के बावजूद सामान्य धाराओ में पीड़ित परिवार की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की इति श्री कर दी। घटना इंदौर के मल्हागंज थाना क्षेत्र के शान्ति नगर जैन कॉलोनी की है। बताया जा रहा है कि कालोनी में साईं बाबा का भंडारा चल रहा था, जिसके कारण वहां काफी गाड़ियों का आना जाना भी लगा हुआ था तभी पीड़ित परिवार देवेंद्र अवस्थी के घर के सामने से अमन मिश्रा और बिट्टू शुक्ला तेज गति से गाड़ी लेकर निकले। जब देवेंद्र अवस्थी और उनके भाई शैलेन्द्र अवस्थी ने अमन मिश्रा की गाड़ी तेज चलाने से रोका तो अमन मिश्रा ने पहले तो जमकर दोनो भाइयो को अश्लील गालियां दी और फिर अमन मिश्रा और अन्य ने उनके घर पर हमला कर दिया। हमले के दौरान देवेंद्र अवस्थी और शैलेन्द्र अवस्थी ने चाकुओ से भी वार किए जिसमे शैलेन्द्र अवस्थी के चहरे और सीने में गम्भीर चोटे आई जबकि देवेंद्र अवस्थी को हाथ मे मामूली चोटें आई, साथ ही बताया जा रहा है कि जब अमन मिश्रा ने परिवार पर हमला किया तो अमन मिश्रा ने घर मे मौजूद महिलाओ पर भी हमला किया और उन्हें भी घायल कर दिया साथ ही बताया जा रहा है कि हमले की सूचना सबसे पहले पीड़ित परिवार ने डायल 100 को भी दी लेकिन काफी देर तक डायल 100 घर नही पहुंची तो पीड़ित परिवार थाने पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी पुलिस की दी। लेकिन पुलिस ने पूरे मामले में गम्भीरता नहीं दिखाते हुए चाकू से हमले को डंडे से हमला करना बता दिया साथ ही महिलाओ के साथ भी जो मारपीट आरोपीयो द्वारा की गई उसकी जानकारी भी रिपोर्ट में दर्ज नही की गई बल्कि उल्टे आरो​पियों का ही पक्ष लेते हुए उनकी रिपोर्ट पर अवस्थी परिवार ही मारपीट और अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया साथ ही बताया जा रहा है कि हमला करने वाला अमन मिश्रा का परिवार का बड़े स्तर पर सट्टे का कामकाज है और मल्हारगंज थाना क्षेत्र में भी आरोपीयो का सट्टा चलता है जिसके कारण पुलिस ने एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए सामान्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर आरोपीयो को सह दे दी । फिलहाल पीड़ित परिवार अब पूरे मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को देने की बात कर रहा है। वहीं पीड़ित परिवार ने रिपोर्ट दर्ज करने वाले आॅपरेटर को कई बार कहा कि चाकू और पिस्टल से घर पर हमला किया लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते पुलिस ने आरोपियों को बचाने वाली करवाई कर मामले की इति श्री कर दी।