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अब विश्वविद्यालय कर्मचारियों ने शुरु की अनिश्चितकालीन हड़ताल

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Mar 7, 2018

इंदौर। वर्ष 2018 प्रदेश का चुनावी साल है। ऐसे में शिवराज सरकार के लिए सरकारी कर्मचारी ही परेशानी का सबब बन चुके हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों और आंगनवाड़ी कर्मचारियों के बाद अब प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है।प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर विश्वविद्यालय कर्मचारी काम बंद कर चुके हैं, और विश्वविद्यालय परिसर में ही धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

2017 में मिला था आश्वासन...

दरअसल विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर वर्ष 2017 में चरणबद्ध आन्दोलन चलाया था। आन्दोलन के दौरान प्रमुख सचिव ने लिखित मे कर्मचारियों को आश्वासन दिया था। पीएस ने भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों को एक माह में पूरा कर दिया जाएगा, लेकिन एक साल से ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद भी सरकार ने कोई सुध नहीं ली। लिहाजा महासंघ ने सरकार को 6 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होने से नाराज कर्मचारियों ने महासंघ के आह्वान पर दोबारा सरकार के खिलाफ आन्दोलन शुरू कर दिया है।

दैनिक वेतनभोगियों के सहारे चल रहा काम...

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। अब सिर्फ दैनिक वेतनभोगियों के सहारे ही विश्वविद्यालयों में काम हो रहा है। इंदौर स्थित डीएवीवी यूनिवर्सिटी के लगभग साढ़े चार सौ कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

हड़ताल कर रहे संगठन के मुताबिक दैनिक वेतनभोगियों का समर्थन उन्हें हासिल है, और असहयोग आन्दोलन के जरिए वो भी अपना आक्रोश जाहिर करेंगे। ऐसे में मार्कशीट और माइग्रेशन निकलाने में छात्रों को परेशानी होगी, वहीं मार्च माह के अंत तक शुरू होने वाली परीक्षाओं से जुड़े काम बुरी तरह प्रभावित होंगे।

डीएवीवी कुलपति का कहना...

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलपति ने भी माना कि कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से काम प्रभावित होगा। उनके मुताबिक अब दैनिक वेतनभोगियों से ही अतिरिक्त काम करवाया जाएगा। हड़ताल से काम रुकेगा नहीं लेकिन देरी जरुर होगी। हालांकि कर्मचारियों की मांगों के सन्दर्भ में सरकार को अवगत करवाया गया है।