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सरकार की बेरुखी से नाराज आदिवासी पंचायत का फरमान, रोड नहीं तो वोट नही

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Apr 28, 2019

मनीष गिरधानी : 19 मई को अंतिम चरण में मध्य प्रदेश की रतलाम झाबुआ लोकसभा सीट पर मतदान होना है और आज जिला मुख्यालय से 23 किलोमीटर दूर आंबा पंचायत के अंर्तगत आने वाले सालरपाडा गांव के 1579 आदिवासी मतदाताओं ने आदिवासी पंचायत लगाकर व्हिप जारी कर लोकसभा चुनाव मे मतदान का बहिष्कार कर दिया है दरअसल आजादी के बाद से आजतक यह सभी आदिवासी रोड का इंतजार कर रहे है और सरकार ओर नेता इनकी मांगे नही मान रही थी।

पार्टी के नेताओं ने झूठ बोलकर ठगा
आदिवासियों की यह पंचायत बैठी है मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के सालरपाडा गांव में यह गांव आंबा पंचायत के अधीन आता है और  आजादी के 70 साल गुजर जाने के बावजूद यह समाज गांव मे सडक का इंतजार कर रहा है। इन्हें हर पार्टी के नेताओ ने झूठ बोलकर ठगा है लेकिन इस बार आदिवासी समाज ने पंचायत कर तय कर लिया कि गांव के लोग 19 मई को मतदान का बहिष्कार करेंगे। सड़क नही बनने के चलते न बच्चों को स्कूल जाते हुए परेशानी का सामना करना पड़ता है, बरसात में तो बहुत ही परेशानी आती है। ग्रामीणों का आरोप है कि न तो कांग्रेस ने कुछ किया न भाजपा ने कुछ किया।

पक्की सड़क न होने से ग्रामीण नाराज
दरअसल सालरपाडा गांव में दो बूथ आते है बूथ नंबर 272 & 272 दोनों बूथों पर मिलकर 1579 मतदाता है करीब 10 किलोमीटर की कच्ची सडक की परिधि में 7 स्कूल ओर 6 आंगनवाड़ी आती है। सभी बच्चे पक्की सडक ना होने से परेशान है मगर जब सरकार ओर नेताओ ने फरियाद नही सुनी तो मजबूर आदिवासी समाज के इन ग्रामीणो के पास शायद यही विकल्प बचा था। माँग को लेकर गाँव की लड़कियों और महिलाओ में भी नाराजगी है।

अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
इस मसले पर सरकारी अफसरों की बैरुखी का आलम यह है कि इलाके के एसडीएम और लोकसभा चुनाव के सहायक निर्वाचन अधिकारी को आदिवासी पंचायत द्वारा लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की जानकारी मीडिया से लगी। अब जिम्मेदारों से बात कर संबंधित विभाग से बात करने की बात कर अपना पल्ला झाड़ रहे है।