Aug 6, 2017
रायपुर : सूरजपुर से लगे ओड़गी ब्लाक में मलेरिया से होने वाली मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। वही मध्यप्रदेश के सीमा से लगे बिहारपुर क्षेत्र के कोल्हुआ गांव में मलेरिया से 13 लोगों की मौत हो चुकी है। एक हजार से अधिक लोग मलेरिया के चपेट में हैं। अस्थाई कैंप में इलाज करा रहें ग्रामीण इस बात को लेकर चकित है कि जिस गांव में इंसान के नाम पर गिनती के लोग दिखते थे वहीं कुछ दिनों से मरीजों का मेला से लगा हुआ है। मलेरिया से हुई मौत के बाद सैकड़ों स्वास्थ्य विभाग का अमला तैनात कर दिया गया है। वहीं आये दिन विधायक मंत्री का रेला लगा हुआ हैं। राजधानी में अधिक समय बिताने वाले गृहमंत्री भी शनिवार को मरीजों का हाल जानने उनके बीच पहुंचे। इतना ही नहीं उन्होने मरने वाले परिवारों को अपने स्वेछा से दस-दस हजार रुपए देने की घोषणा की है।
एक हजार दो मलेरिया के पाॅजिटिव मरीज
मलेरिया से लगातार हो रही मौत से प्रशासन ने कोल्हुआ में एक आईएएस स्तर का अधिकारी पिछले एक सप्ताह से तैनात कर दिया है। हालांकी इसके बाद भी मौत का सिलसिला जारी है। बीते शनिवार को आठ साल की बच्ची ने दम तोड़ दिया, तो वहीं उसके ही परिवार के दो लोग मलेरिया के चपेट में हैं। प्रशासन के मुताबिक ओड़गी ब्लाक के पांच गांव में मलेरिया का प्रकोप हैं। प्रभावित गांव में तकरीबन सात हजार लोगों का जांच किया गया, जिसमें एक हजार दो मलेरिया के पाॅजिटिव मरीज मिले हैं। इतने मरीज पाॅजिटिव मिलने से शासन प्रशासन सकते में है। लिहाजा रायपुर की एक मेडिकल टिम जांच कर जा चुकी है।
रिसर्च के लिए पहुंची मेडिकल टीम
जबलपुर की एक मेडिकल टीम मलेरिया के अचानक मिले इस सिमटम का रिसर्च करने के लिए आने वाली है। जिला पंचायत सूरजपुर के सीईओ संजीव कुमार झा का कहना है कि पांच गांव में मलेरिया के काफी मरीज हैं। सभी मरीजों के घर जाकर इलाज किया जा रहा है। बचाव के सामान बांटे जा रहे हैं। वर्तमान में 51 टीम काम कर रही है इसमें 116 लोट डिडिटी का छिड़काव कर रहे हैं, लोग इलाज से पहले झाड़ फूक पर विश्वास करते हैं। इलाज में देरी होने के कारण हालत बिगड़ जाती है। सीईओ का कहना है कि मरीज अंधविश्वास पर ध्यान न देकर, डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।