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सदन में टारगेट किलिंग की गूंज, बार-बार हुआ स्थगन, 4143 करोड़ का अनुपुराज बजट पारित

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Mar 2, 2023

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन भाजपा विधायकों ने शून्यकाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या और बढ़ते नक्सल घटनाओं पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग उठाई। विधानसभा उपाध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया,  जिसके बाद भाजपा सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। गर्भगृह में प्रवेश कर नारेबाजी ही सत्तापक्ष ने इसे संसदीय परंपरा के खिलाफ बताया, तो विपक्ष ने सत्तापक्ष पर गंभीर मुद्दे से भागने का आरोप लगाया। दरअसल, भाजपा विधायकों का हंगामा दूसरे दिन के सत्र में शुरू से ही होता रहा। दो से ढ़ाई घंटे के बीच सदन की कार्यवाही 4 बार स्थगित करनी पड़ी। दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद सभा 10 मिनट के लिए स्थगित की गई।  फिर 10 मिनट बाद कार्यवाही शुरू हुई, तो भाजपा ने टारगेट किलिंग पर बवाल कर दिया। कानून व्यवस्था पर हंगामे के बाद 10 मिनट के लिए रोकी गई। इसके बाद कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए। फिर 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित हुई। इस तरह सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करना पड़ा। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू होती बीजेपी के विधायक स्थगन पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर देते। भाजपा सदस्यों की नारेबाजी के बीच बजट अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू हुई।

सदन में सीएम भूपेश बघेल ने कहा - अनुपूरक बजट जिस दिन आता है स्थगन नहीं लगता, इन्हें पता नहीं जो मुद्दा ये उठा रहे हैं, ये टिकने वाला नहीं है। ये घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोग हैं। मुख्यमंत्री ने बीजेपी की नारेबाजी और प्रदर्शन पर कहा - नक्सली शांत है, तो इन्हें बर्दास्त नहीं हो रहा है। जनता जान रही है,  झीरम घाटी का असली दोषी कौन हैं।बीजेपी विधायक स्व. भीमा मांडवी की मौत की निंदा करते है। हम उनकी हत्या की जांच करा रहे थे बीजेपी NIA के पास चले गई।
भाजपा के हंगामे और नारेबाजी को लेकर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, छत्तीसगढ़ की विधानसभा में ऐसी परंपरा नहीं रही है, जिस दिन अनुपूरक पर चर्चा हो, स्थगन पर भी कोई चर्चा हो। विपक्ष के लगातार मांग कर रहे हैं शून्यकाल में चर्चा की मांग करते हुए आरोप लगा रहे हैं, परंपरा हमेशा से रही है। विपक्ष का दुर्भाग्य है छत्तीसगढ़ के मुद्दे पर चर्चा करने नहीं चाहते है। केवल आरोप लगाना चाहते हैं नारेबाजी कर सदन का समय जाया कर रहे हैं।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा, सदन की एक परंपरा और प्रक्रिया है, जिसका पालन विपक्ष ने किया। विपक्ष की एक ही मांग थी, स्थगन के लिए लगाया था। अध्यक्ष से आग्रह किया था कि इसे मान्य किया जाए । बस्तर में हमारे 4 कार्यकर्ता शहीद हुए। बस्तर में जवानों की भी हत्या और शहीद हो रही है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग क्यों हो रही है? इस विषय की चर्चा हम चाहते थे। इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई जब सदन में स्थगन के दौरान विपक्ष को बोलने से रोका गया।

बहरहाल, इस बजट सत्र से आम लोगों को काफ़ी उम्मीदें है कि उनके मूलभूत जरुरतों व समस्याओं को लेकर सदन में गंभीर चर्चा हो, लेकिन जिस तरह से सदन में सार्थक चर्चा होने के बजाय हंगामों का दौर चल रहा है, इससे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।