Jan 17, 2020
इऱफान खान - शहडोल जिले के बहुचर्चित कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में 6 बच्चों की मौत की घटना के बाद प्रसूता महिलाओं को दिए जाने वाले मेवा युक्त लड्डू के नाम पर गुड़ का लडडू दिए जाने का मामला सामने आया है। जिसको लेकर प्रसूताओं में रोष है, जबकि मैटरनिटी वार्ड में भर्ती होने वाली प्रसूता के शरीर में कैलोरी की मात्रा सही रखने के लिए उन्हें मेवा युक्त लड्डू दिए जाने का शासन द्वारा प्रावधान है।
कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में प्रसव पूर्व तथा बाद की भर्ती महिलाओं को पौष्टिक लड्डू के प्रदाय में गड़बड़ी सामने आई है। जिसके कारण प्रसूता महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में 50 से अधिक महिलाएं प्रसव के बाद तथा करीब 25 महिलाएं प्रसव पूर्व भर्ती होती हैं। सामान्य प्रसव के दौरान 2 से 3 दिन तथा ऑपरेशन से प्रसव होने के बाद कम से कम 7 दिन तक भर्ती रहना होता है। शासन के निर्देश है कि महिलाओं को प्रतिदिन पौष्टिक लड्डू का वितरण कराना है ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सके। लड्डू वितरण कार्य का ठेका प्रबंधन ने दिया है। ठेकेदार द्वारा वितरण में मनमानी की जा रही है। वार्ड में भर्ती प्रसूता महिलाओं ने बताया कि लड्डू के नाम पर गुड़ दिया जा रहा है, जिसमें मेवा नाम मात्र का ही रहता है।
दो दिन पहले जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला आया था सामने
आपको बता दे कि दो दिन पहले कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 12 घण्टे के भीतर 6 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। जिसके बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया था। इस बड़ी घटना के बाद प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मन्त्री सिलावट व स्वास्थ्य प्रमुख सचिव पल्लवी जैन शहडोल अस्पताल पहुंच, मामले की पड़ताल के बाद सीएमएचओ व सिविल सर्जन को कार्यमुक्त कर दिया था। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते 6 बच्चों की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया कि एक और बड़ी लपरवाही सामने आई है।