Aug 26, 2016
भोपाल। मप्र की राजधानी में भाजपा और संघ के अनुशांगिक संगठनों के बीच बढ़ रहे मतभेदों को खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा के पदाधिकारियों की बैठक हुई। भोपाल के शारदा विहार आवासीय विद्यालय में हुई बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा हुई। बैठक में संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, भाजपा और संघ के बीच समन्वय का काम देखने वाले कृष्ण गोपाल और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत संघ के सभी प्रांत प्रचारक और अनुशांगिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की संघ के नंबर दो भैय्याजी जोशी और भाजपा और आरएसएस का समन्वय का कामकाज संभालने वाले संघ के कृष्ण गोपाल से लंबी चर्चा हुई। इस बातचीत में आगामी विधानसभा चुनाव और खासकर 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। बैठक में संघ प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और उनके कामकाज से संतुष्ट नजर आया, लेकिन सरकार की छवि को लेकर चिंता जताई गई। संघ का मानना है कि केंद्र सरकार का ग्राफ गिरने से आगामी विधानसभा चुनावों पर इसका असर पड सकता है। संघ ने इस बात को लेकर भी चिंता जताई कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां कार्यकर्ता निराश हैं।
जानकारी के मुताबिक, बैठक में 25 सितम्बर को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक के पहले अमित शाह को संघ ने अपनी नई टीम का ऐलान करने की सलाह दी है। दरअसल संघ की सबसे बडी चिंता है कि कैसे भी यूपी और पंजाब चुनाव में भाजपा की सरकार बने। अगर इन चुनावों में थोड़ा बहुत दिल्ली और बिहार जैसा परिणाम सामने आता है तो आगामी गुजरात और यहां तक कि 2018 में होने वाले बीजेपी शासित तीन राज्यों मप्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनावों पर भी बड़ा असर पड़ सकता है। बैठक में भैय्याजी जोशी ने भाजपा और संघ के अनुशांगिक संगठनों के बीच तालमेल की कमी बताते हुए, इसमें सुधार करने के लिए नेताओं से सुझाव मांगे।
इस बैठक के पहले संघ के प्रमुख पदाधिकारियों ने मध्यप्रदेश के भाजपा नेताओं की बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, अनिल माधव दवे, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत नंदकुमार चौहान भी मौजूद रहे थे।