Mar 29, 2023
दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए नामीबियाई चीतों में से एक ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चार शावकों को जन्म दिया है। जो पूरी तरह से स्वस्थ भी बताए जा रहे है।
तीन दिन पहले दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए इन चीतों में से एक, 'साशा' की किडनी की बीमारी के कारण मौत हो गई थी।साढ़े चार साल से अधिक उम्र की मादा बिल्ली की मौत परियोजना चीता के लिए एक झटका के रूप में आई, जिसका उद्देश्य विलुप्त होने के सात दशक बाद भारत में दुनिया के सबसे तेज़ ज़मीन पर रहने वाले जानवरों की आबादी को पुनर्जीवित करना था।
शावकों के जन्म की जानकारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दी, जिन्होंने ट्विटर पर शावकों की तस्वीरें भी साझा कीं। साशा की दुखद मौत के समाचार के बाद अब मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से ये अच्छी खबर आई है।
पिछले साल सितंबर में नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था और श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया था।
एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका से केएनपी लाए चीते फ़िलहाल स्वस्थ है और यहाँ के माहोल के साथ धीरे धीरे घुल मिल रहे है।
आठ नामीबियाई चीतों - पांच मादा और तीन नर - को 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में केएनपी में उनके बाड़े में छोड़ दिया गया था।
भारत में आखिरी चीता छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में मरा था और सबसे तेज़ ज़मीन वाले जानवर को 1952 में देश में विलुप्त घोषित किया गया था।