Jan 17, 2020
आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आईएएस सर्विस मीट 2020 के सत्र का शुभारंभ आज हो गया। इस सत्र को मुख्यमंत्री कमल नाथ ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश में मध्यप्रदेश ही ऐसा प्रदेश है, जो विविधताओं से सम्पन्न है और पूरे विश्व में भारत ही ऐसा देश है, जो विविधताओं से पूर्ण है। इस विविधता को सकारात्मक ऊर्जा में बदलना होगा। उन्होंने कहा कि विविधता में भारत की बराबरी करने वाला देश सिर्फ सोवियत संघ था। आज वह अस्तित्व में नहीं है, क्योंकि उसमें भारत जैसी सोच-समझ और सहिष्णुता की संस्कृति नहीं थी। यही भारत की पहचान है।
राजनैतिक नेतृत्व बदल सकता है, ज्ञान, कला, कौशल नहीं
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि जो आईएएस अधिकारी अपनी सेवा यात्रा के मध्य में हैं और जो सेवा पूरी करने वाले हैं, वे चिंतन करें कि मध्यप्रदेश को वे कहाँ छोड़कर जाना चाहते हैं। जो अधिकारी अपनी सेवा यात्रा की शुरूआत कर रहे हैं, वे सोचें कि मध्यप्रदेश को कहाँ देखना चाहते हैं। कमल नाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को न्याय देने वाला बताते हुए कहा कि संविधान में उल्लेखित स्वतंत्रता और समानता जैसे मूल्यों की सीमाएँ हो सकती हैं, लेकिन न्याय की कोई सीमा नहीं है। यह हर समय और परिस्थिति में दिया जा सकता है। दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के पास जो क्षमता और कौशल है, वह सामान्यत: राजनैतिक नेतृत्व के पास नहीं रहता। राजनैतिक नेतृत्व बदलते ही प्रशासनिक तंत्र का भी नया जन्म होता है लेकिन ज्ञान, कला, कौशल नहीं बदलते।
बदलनी होगी प्रदेश की वर्तमान प्रोफाईल
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर राज्य की अपना प्रोफाईल होती है। सबको मिलकर मध्यप्रदेश का प्रोफाईल बनाना होगा। वर्तमान प्रोफाईल को बदलना होगा। मध्यप्रदेश की नई पहचान बनानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा आर्थिक गतिविधियाँ उत्पन्न हों। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी हर पल बदल रही है। पूरा भारत बदल रहा है। ज्ञान और सूचना के भंडार तक आज जो पहुँच बढ़ी है, वह पहले नहीं थी। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी जनसंख्या भारत में है। ये जनसंख्या युवाओं की है। बदलते समय में महत्वाकांक्षाएँ भी बदल रही हैं। अब यह देखना है कि इन्हें कैसे अपनाएं।