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MP : महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पहला नबंर भोपाल जोन का तो दूसरे नबंर पर है इंदौर जोन , यहां देखिये पूरा डेटा

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Sep 18, 2024

पिछले साल प्रदेश में 7,773 महिलाओं के साथ छेड़छाड़, 10,306 का अपहरण और 13,671 महिलाओं को अश्लीलता का सामना करना पड़ा

राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) की रिपोर्ट से सामने आया है की, 2023 में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध इंदौर और भोपाल जोन में दर्ज किए गए है.  पिछले साल राज्य में 7,773 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई, 10,306 का अपहरण किया गया और 13,671 को अश्लीलता का सामना करना पड़ा था. महिलाओं से संबंधित अपराधों में भोपाल सबसे ऊपर है, उसके बाद इंदौर का नबंर है. दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम है, जिसे अपराध पर अंकुश लगाने के लिए शुरू किया गया था.  महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले (7,745) भोपाल जोन से दर्ज किए गए, उसके बाद इंदौर का नंबर आया , जहां ऐसे 7,738 मामले दर्ज किए गए.  इसके बाद ग्वालियर जोन (6331), रीवा (6,296) और उज्जैन (5,169) का स्थान रहा.  बालाघाट और जबलपुर जोन में अन्य जोन की तुलना में कम अपराध दर्ज किए गए.  बालाघाट में 1937 और जबलपुर में 2,456 मामले दर्ज किए गए. 

पिछले साल नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में अपराध दर में गिरावट आई थी.  दो महीनों के दौरान राज्य भर में केवल 4,000 मामले दर्ज किए गए थे.  अन्य महीनों में, संख्या 5,000 से 6,000 से ज्यादा थी. 

छेड़छाड़ के मामले

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 7,773 महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को छेड़छाड़ का सामना करना पड़ा.  इनमे सार्वजनिक परिवहन, आश्रय गृह या कार्यस्थल पर महिला की शील भंग करने के इरादे से यौन उत्पीड़न और हमला शामिल है, इसके अलावा ताक-झांक और पीछा करना भी शामिल है. 2022 में, यह आंकड़ा 6,946 था.  छेड़छाड़ को किसी की इच्छा के विरुद्ध यौन इरादे से छूने या हमला करने के रूप में परिभाषित किया जाता है.  इस शब्द का इस्तेमाल उन स्थितियों के लिए किया जाता है जब किसी महिला की शील खतरे में होती है. 

अपहरण में कमी

2023 में अपहरण के मामलों में मामूली कमी देखी गई.  पिछले साल 10,306 लड़कियों और महिलाओं का अपहरण किया गया था.  2022 में इनकी संख्या 10,563 थी.  अपहरण शादी के लिए मजबूर करने, भीख मांगने, फिरौती के लिए, दूसरे देशों में बेचने, वेश्यावृत्ति, घरेलू श्रम या अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था.  2022 में नाबालिग लड़कियों सहित 578 महिलाओं की विभिन्न विवादों में हत्या कर दी गई.  2023 में यह संख्या घटकर 522 हो गई. 

अश्लीलता का सामना

2023 में लगभग 13,671 लड़कियों और महिलाओं को अश्लीलता का सामना करना पड़ा.  अश्लीलता आमतौर पर यौन और मलमूत्र गतिविधि में लगे लोगों के विवरण और चित्रण को संदर्भित करती है.  यह आपत्तिजनक, अश्लील या नैतिक रूप से घृणित प्रकृति की सामग्री, कृत्यों या अभिव्यक्तियों को भी संदर्भित करता है.  ये अभिव्यक्तियाँ आम तौर पर यौन होती हैं और प्रचलित सामाजिक मानकों के विपरीत होती हैं.  अश्लीलता में आपत्तिजनक भाषा, स्पष्ट हिंसा या अभद्र व्यवहार भी शामिल हो सकता है. 

Report By:
Devashish Upadhyay.