Mar 3, 2022
युद्ध के कारण यूक्रेन में फंसे भारतीयों का मामला अब सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमणा ने इस मामले पर अटॉर्नी जनरल को तलब किया है। अदालत में CJI ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि आखिर इस मामले में न्यायालय क्या कर सकता है? हालांकि, CJI ने बाद में कहा कि यह जरूरी मुद्दा है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि रोमानिया बॉर्डर पर फंसे छात्रों को निकालने के लिए कदम उठाए जाएं।
Moldova/Romania बॉर्डर पर फंसे 250 भारतीय छात्र
दरअसल, याचिका में कहा गया था कि यूक्रेन के Moldova/Romania बॉर्डर पर लगभग 250 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। कहा गया कि बीते छह दिनों से वहां भारत की ओर से कोई फ्लाइट नहीं पहुंची है यह याचिका उन छात्रों के परिवारों ने दाखिल की है जो यूक्रेन में फंसे हैं। फंसे छात्रों के परिजनों की ओर से एडवोकेट एएम डार ने याचिका दाखिल की है। CJI ने कहा कि मामले पर सुनवाई आवश्यक है, क्योंकि इसके लिए वकील (डार) कश्मीर से आए हैं। याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि वहां तापमान शून्य से 7 डिग्री नीचे है अदालत, भारतीय विदेश मंत्रालय को वहां फंसे लोगों को राहत उपलब्ध कराने का निर्देश दें। इस पर CJI ने कहा कि हम इस मामले में क्या कर सकते हैं? कल को आप कहेंगे कि पुतिन को निर्देश जारी करें। CJI ने कहा कि क्या हम पुतिन से जंग रोकने के लिए कह सकते हैं? छात्रों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति और चिंता है, भारत सरकार अपना काम कर रही है।
भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को बाहर निकालने का लगातार कर रही प्रयास
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारत सरकार ने फंसे छात्रों को निकालने में सहायता करने के लिए चार मंत्रियों को भी भेजा है, जिसमें एक मंत्री रोमेनिया भी गए हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की बॉर्डर को वे लोग क्यों पार नहीं कर पाए, यह क्रॉस चेक किया जाएगा क्योंकि यूक्रेन का कहना है कि, वह सबको निकलने दे रहा है।