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भारत में मिले स्ट्रेन का नाम डेल्टा, WHO ने कहा- किसी देश को नए वैरिएंट की जानकारी देने की सजा न मिले

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Jun 1, 2021

कोरोना वायरस के लिए अलग-अलग देशों में मिले वैरिएंट को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं। कई बार इन वैरिएंट को उन देशों को नाम पर बुलाया जाने लगा। कोरोना वैरिएंट के अस्तित्व को लेकर विवाद के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना यानी SARS-CoV-2 के मुख्य वैरिएंट के नामों को पुकारने और याद रखने के लिहाज से आसान नामकरण किया है। कोरोना के लिए जिम्मेदार वायरस का नामकरण ग्रीक अल्फाबेट का इस्तेमाल करते हुए किया गया है। पिछले दिनों भारत ने भी यहां मिले वैरिएंट के नाम को लेकर आपत्ति जाहिर की थी। ऐस ही बीते साल चीन ने भी कोरोना को 'वुहान वायरस' कहने पर आपत्ति जाहिर की थी।  

भारत में मिले वैरिएंट को लेकर हुआ था विवाद
बता दें मई महीने के पहले पखवाड़े में भारत में मिले कोरोना स्ट्रेन को 'भारतीय' कहने पर विवाद हो गया था। केंद्र सरकार ने उन खबरों को खारिज किया था जिनमें कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड के B.1.617 वैरिएंट को भारतीय वैरिएंट कहा है। सरकार ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ ने कभी भी भारतीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है। हाल ही में सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा था कि वे अपने प्लेटफॉर्म से किसी भी ऐसे कंटेंट को तुरंत हटा दें जिसमें कोरोना वायरस के वैरिएंट को इंडिया के नाम से जोड़कर लिखा गया था।
इसके तहत सबसे पहले जो कोरोना वेरिएंट भारत में मिला, उसे डेल्टा कहा जाएगा। जबकि, इससे पहले मिले वर्जन को कप्पा कहा जाएगा। इसके साथ ही किसी भी देश को कोरोना के वेरिएंट खोजने या उसकी जानकारी देने की सजा नहीं मिलनी चाहिए।

सरकार के दावे की WHO ने भी की थी पुष्टि की
WHO के साउथ-ईस्ट एशिया ऑफिस की तरफ से कहा गया है कि वह वायरस या वैरिएंट्स को किसी देश के नाम से नहीं जोड़ता है। बल्कि उनके साइंटिफिक नाम से ही पहचानता है और सभी को ऐसा ही करना चाहिए।