Oct 7, 2024
ईडी ने कहा कि यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में की गई ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है. इन नियुक्तियों के बदले में राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर नियुक्तियों द्वारा जमीन के टुकड़े उपहार में दिए गए या हस्तांतरित किए गए.
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आरजेडी प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी के धनशोधन मामले में जमानत दे दी. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर राहत देते हुए कहा कि जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था.
आरोपीगण न्यायालय द्वारा पहले जारी समन के पालन में न्यायालय के सामने उपस्थित हुए थे. न्यायाधीश ने आरोपीगणों के विरुद्ध पूरक आरोप-पत्र का संज्ञान लेने के बाद समन जारी किया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 6 अगस्त को न्यायालय के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल की गई थी. ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर अपना मामला दर्ज किया.
मामले के बारे में
ईडी ने कहा कि यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में वर्ष 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान की गई ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है. इन नियुक्तियों के बदले में राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर नियुक्तियों द्वारा उपहार में दी गई या हस्तांतरित की गई जमीनें ली गई थीं.