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उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्रियों, सीएस और डीजीपी के लिए खरीदी जा सकती हैं 25 लाख कारें, जानिए क्यों पड़ी इसकी जरूरत

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Feb 3, 2023

राज्य के कैबिनेट मंत्रियों, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी के लिए 25 लाख रुपये तक की कारें खरीदी जा सकती हैं। वित्त विभाग ने परिवहन विभाग की संशोधित वाहन क्रय नीति को मंजूरी दे दी है, जिसे अब कैबिनेट के समक्ष लाया जाना तय है।

नीति के अभाव में प्रदेश में 1500 सरकारी वाहनों का क्रय लंबित है। दरअसल प्रदेश में अभी तक वर्ष 2016 की वाहन क्रय नीति चली आ रही है, जिसमें वाहनों के दाम वर्तमान की तुलना में काफी कम हैं। परिवहन विभाग ने पहले वित्त विभाग को कैबिनेट मंत्रियों, मुख्य सचिव गणमान्य व्यक्तियों के लिए वाहन खरीदने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे वापस कर दिया गया।

2016 की नीति को आज के परिप्रेक्ष्य में कमतर आंका गया था। इसलिए ऐसी नीति तैयार की जानी चाहिए, जिसमें वाहनों की वर्तमान कीमतों के साथ ई-वाहन, सीएनजी वाहन शामिल हों। संशोधित नीतिगत प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था, जिसे वित्त विभाग ने हरी झंडी दे दी है। 10 फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस नीति पर विचार आने की संभावना है।

वाहन खरीद ने कुलीन वर्ग की एक नई श्रेणी बनाई

परिवहन विभाग द्वारा 2016 में बनाई गई नीति में चार श्रेणियों में वाहनों की खरीद के लिए अधिकतम मूल्य निर्धारित किया गया था। इस बार विभाग ने पांच कैटेगरी बनाई है। ए-श्रेणी में कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव, न्यायाधीश, अतिरिक्त मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक आदि के लिए वाहन की लागत सीमा रुपये है। 15 लाख से रु। 25 लाख का प्रस्ताव किया गया है। बी श्रेणी में प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के लिए वाहनों की लागत 12 लाख से बढ़ाकर 20 लाख, सी श्रेणी में डीएम, विभागाध्यक्षों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए वाहनों की लागत 8 लाख से बढ़ाकर 18 लाख की गई है। लाख, उनके अधीनस्थों के लिए। जिला एसडीएम, तहसीलदार आदि के अधिकारियों के लिए डी-श्रेणी में वाहन मूल्य सीमा छह लाख से बढ़ाकर 15 लाख और ई-श्रेणी में वाहन मूल्य सीमा की गई है। 12 लाख प्रस्तावित था।

इसलिए नई नीति की जरूरत

2016 में जब वाहन खरीद नीति आई थी, तब बोलेरो की कीमत करीब 6 लाख थी, जो इस समय 8।50 लाख के आसपास है। उस वक्त इनोवा की कीमत करीब 15 लाख थी जो अब 20 लाख के आसपास है। तमाम वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही बाजार में ई-वाहनों की भी एंट्री हो गई है। साथ ही उस समय नीति बीएस-4 वाहनों के अनुरूप थी, जिसे अब बीएस-6 वाहनों के अनुरूप बना दिया गया है।

1500 वाहनों की खरीद बाकी

प्रदेश भर के सभी सरकारी विभागों में इस साल करीब 1500 वाहन खरीदे जाने थे, लेकिन नीति के अभाव में वाहन नहीं खरीदे जा सके। पॉलिसी आने के बाद इन विभागों को हर हाल में 31 मार्च तक वाहन खरीदने होंगे। अन्यथा यह बजट बाधित हो जाएगा।