Aug 2, 2024
भोपाल शूटिंग रेंज भारत की एकमात्र रेंज है जो खेल के अभ्यास के लिए पूरे सेटअप के साथ तैयार है.
पेरिस ओलंपिक 2024 में तीन कांस्य पदक हासिल करने के लिए भारत की प्रशंसा की जा रही है. खास बात ये है की , सभी तीन पदक जीतने वाले निशानेबाजों - मनु भाकर , सरबजोत सिंह और स्वप्निल कुसाली ने मध्यप्रदेश की राजधानी में भी ट्रेनिंग ली थी .
जानकारी के मुताबिक, भोपाल शूटिंग रेंज भारत की एकमात्र रेंज है जो खेल के अभ्यास के लिए पूरे सेटअप के साथ तैयार है. यहां पर शूटिंग की ट्रेनिंग में इस्तेमाल किये जाने वाले सारे इक्विपमेंट एक इटालियन कंपनी सियुस के है. पदक विजेता भारतीय निशानेबाजों ने पेरिस के लिए जाने से पहले भोपाल शहर की उन्नत शूटिंग रेंज में अपनी ट्रेनिंग जारी रखी थी.
ओलंपिक के जैसे ही इक्विपमेंट
एक सिअस मशीन की कीमत लगभग 4 लाख रुपये है होती है और भोपाल रेंज में ऐसी दस सिअस मशीन है. ये वही मशीनें हैं जिनका इस्तमाल पेरिस ओलंपिक में आखरी शूटिंग रेंज में किया गया था. इसके साथ, इस रेंज में महंगे और अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर शामिल हैं. यही वजह है कि भोपाल में 7 से 14 जुलाई तक राइफल शूटर और 14 से 20 जुलाई तक पिस्टल शूटरों का कैंप भी था.
शूटिंग रेंज 2 साल पहले बनाई गई थी
मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में आखरी रेंज दो साल पहले बनाई गई थी, जिसकी लागत 50 करोड़ रुपये थी. जबकि अकादमी के पास पहले से ही 10, 25 और 50 मीटर के लिए एडवांस एयर कंडीशनर रेंज थी, आखरी रेंज का निर्माण शूटिंग वर्ल्ड कप के लिए मार्च 2022 में किया गया था. मध्य प्रदेश सरकार इसके लिए बड़ा निवेश किया.
निशानेबाज स्वप्निल के लिए तो भोपाल खास तौर पर लकी साबित हुआ है, ऐसा इसिलिए है क्योकिं वो मार्च तक ओलंपिक टीम का हिस्सा नहीं थे. भोपाल की शूटिंग रेंज में अंतिम ट्रायल के दौरान ही उन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था.