Jan 16, 2020
लखनऊः लखनऊ में कॉमनवेल्थ पार्लियामेन्ट्री एसोसिएशन के सातवें सम्मेलन का कल शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि संसदीय मर्यादाओं का पालन करना, सदन के सभी सदस्यों की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सदन का प्रत्येक सदस्य जनता का प्रतिनिधि है, चाहे वह किसी भी पक्ष का क्यों न हो। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश नारायण सिंह भी सम्मेलन में उपस्थित थे। राज्यपाल टंडन ने कहा कि संसदीय मर्यादाओं के पालन की जितनी जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी की है, उतनी ही जिम्मेदारी सदन के प्रत्येक सदस्य की भी है।
विपक्ष को सदन में अपनी बात कहने की पूर्ण स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का मूलमंत्र
टंडन ने कहा कि विपक्ष को सदन में अपनी बात कहने की पूर्ण स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का मूलमंत्र है। उन्होंने कहा कि वाद-विवाद होना चाहिए, लेकिन सदन की मर्यादाओं का भी पालन किया जाना चाहिए। तीन दिवसीय सम्मेलन में देश की सभी विधानसभाओं एवं विधान परिषदों के अध्यक्ष और सभापति भाग ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, भारत प्रक्षेत्र का छठवां सम्मेलन फरवरी 2018 में बिहार में आयोजित किया गया था। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना वर्ष 1911 में एम्पायर पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के रूप में की गई, जिसका उद्देश्य राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के बीच संसदीय विचारों और सूचनाओं को आदान-प्रदान करना था। वर्ष 1948 में इस एसोसिएशन का नाम बदलकर कॉमनवेल्थ पार्लियामेन्ट्री एसोसिएशन किया गया।