Nov 26, 2023
पौराणिक कथा के अनुसार अंधक नाम का एक राक्षस था जो माता पार्वती को अपनी पत्नी बनाना चाहता था। उस वक्त भगवान शिव जी ने उस पर हमला किया था लेकिन अंधक के खून की बूंद जमीन पर गिरते ही हर बूंद से एक नई राक्षसी शक्ति पैदा होने लगी थी।
अंधक का खून जमीन पर गिरते ही अंधक की संख्या बढ़ती गई। माता पार्वती को तब यह समझ में आया कि हर प्राणी में उसकी अवस्था के विपरीत भी एक ताकत होती है। यानी कि हर पुरुष में ताकत के अलावा एक स्त्री की शक्ति भी है जो करुणा और क्रोध दोनों ही है। देवी का मानना था कि अंधक ने इस बात को सिद्ध किया था और अपनी ताकत का गलत उपयोग करने लगा था।
फिर उन्होंने हर देवता की स्त्री शक्ति को पुकारा। उसके बाद विष्णु जी की कृपा से शिव जी की शिवानी नामक देवी, ब्रह्मा जी की ब्राह्मी देवी और वीरभद्र से देवी भद्रकाली उत्पन्न हुई थी।
आपको बता दें कि देवी दुर्गा अपने दस रूपों में असुर के सामने आ गई थी। इन सभी ने मिलकर सभी अंधक की राक्षसी शक्तियों को मार गिराया था लेकिन अंधक का रक्त बहना बंद नहीं हुआ था। फिर भगवान गणेश जी अपने स्त्री अवतार के रूप में आए और अपनी सूंड़ से अंधक का सारा रक्त एक बार में खींच लिया था और रक्त की एक बूंद को भी जमीन पर गिरने नहीं दिया था। इस तरह अंधक का अंत हुआ और गणेश जी के विनायकी अवतार का जन्म हुआ। इसलिए भगवान गणेश जी की स्त्री के रूप में पूजा की जाती है।








