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टैक्स रिटर्न में बदलाव आपको पहुंचा सकता है जेल

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Dec 15, 2016

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को आयकर रिटर्न यानी (आईटीआर) में संशोधन के प्रावधान के दुरुपयोग की कोशिश को लेकर करदातओं को कड़ी चेतावानी दी है। उसने कहा है कि जो लोग आय में संशोधन के लिए फॉर्म में भारी बदलाव करते हैं, उन्हें जांच और दंडनीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

सीबीडीटी ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद कुछ करदाता मौजूदा वर्ष की अघोषित आय दिखाने के इरादे से आय में गड़बड़ी के लिए पूर्व आकलन वर्ष के फाइल किए गए आईटीआर में संशोधन के प्रावधान का दुरुपयोग कर सकते हैं।

बोर्ड ने एक बयान में कहा है कि रिटर्न में संशोधन का प्रावधान मूल रिटर्न में कोई भूल-चूक या गलत जानकारी में सुधार के लिए किया गया है, न कि पूर्व की अघोषित आय को दिखाने के लिए शुरू में घोषित आय में व्यापक रूप से बदलाव के लिए।

अगर विभाग के नोटिस में पिछले साल के आईटीआर में आय की मात्र, नकदी, लाभ आदि तथा खातों में किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आती है तो उसकी जांच की जाएगी। ऐसे मामलों में कानून के प्रावधान के अनुसार जुर्माना तथा अभियोजन चलाया जा सकता है।

संशोधन की सुविधा क्यों-

सीबीडीटी के मुताबिक आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के वर्तमान प्रावधानों के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा संशोधित आईटीआर तभी दाखिल किया जा सकता है जब अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत रिटर्न भरने के बाद या धारा 142 (1) के तहत जारी नोटिस के प्रत्युत्तर में रिटर्न भरने के बाद उसे अपने रिटर्न में किसी चूक अथवा किसी गलत विवरण के बारे में पता चलता है।

-40 फीसदी कुल आबादी का अमेरिका में भरते हैं टैक्स
-3 फीसदी लोग ही आयकर देते हैं कुल आबादी का भारत में
-3.60 करोड़ कुल करदाताओं की संख्या है भारत में फिलहाल
-1.62करोड़ लोग रिटर्न भरते हैं मगर उनका टैक्स नहीं बनता