Dec 17, 2016
धमतरी। अपने पापा की परेशानी से व्यथित एक बेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस साल दशहरे के दिन मार्मिक पत्र लिखा। उसने लिखा-प्लीज मोदी अंकल मेरे पापा को बचा लीजिए। मोदी ने मासूम का भरोसा नहीं तोड़ा। दीपावली पर पीएमओ ने मामले को संज्ञान में लिया और एकादशी के दिन उसके पापा का मनचाही जगह पर ट्रांसफर हो गया। 15 दिनों में इस बेटी की दुनिया फिर से खुशियों से भर गई। इससे गदगद बेटी ने मोदी को एक और पत्र लिखा। कहा-आप मेरे भगवान हैं। मुझे या मेरे पापा को तकलीफ आई तो आपको फिर पत्र लिखूंगी, शेष कुशल, वंदे मातरम्।
यह कहानी है धमतरी जिले के मगरलोड कन्या हाईस्कूल की छात्रा अर्चना ठाकुर की। उसके पिता दो महीने से बेहद परेशान थे। अर्चना को कुछ नहीं सूझा तो मोदी को पत्र लिख दिया। उसने लिखा आदरणीय मोदी अंकल प्रणाम। आपको दशहरा और सर्जिकल स्ट्राइक की बधाई। मैं कक्षा 11वीं में साइंस की विद्यार्थी हूं। मैं अपने पापा के बाजू में सोती हूं। देख रही हूं कि पापा पिछले दो महीने से रात-रातभर सो नहीं पाते। टेंशन के कारण में छाती दर्द की शिकायत करते हैं। मोदी अंकल, मैं पापा को खोना नहीं चाहती हूं। मैं पापा के बिना नहीं जी पाऊंगी। मोदी अंकल, आप मेरे पापा को शासकीय बालक हाईस्कूल मगरलोड से हटाकर शासकीय कन्या हाईस्कूल मगरलोड में कर दीजिए। मेरे पापा संस्कृत के व्याख्याता हैं। उनकी डायरी मैंने पढ़ी है। मुझे लगता है उनका टेंशन बालक स्कूल से ही है। मेरे पापा अंतर्मुखी हैं और अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते।
पीएमओ ने लिया एक्शन
अर्चना का यह पत्र पीएमओ से उचित कार्रवाई के लिए छत्तीसगढ़ के मंत्रालय पहुंचा तो अफसरों ने जिला प्रशासन से जवाब तलब किया। कलेक्टर ने बीईओ को जांच करने को कहा। बीईओ को पता चला कि अर्चना के पापा व्याख्याता प्रेमसिंह ठाकुर को बालक स्कूल में कुछ समस्याएं थीं। तत्काल उनका स्थानांतरण अर्चना की बताई जगह कन्या हाईस्कूल मगरलोड कर दिया गया।
इनका कहना है
प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्रों पर तुरंत कार्रवाई होती है। पीएमओ की ऑनलाइन वेबसाइट पर भी शिकायतें भेजी जाती हैं, जिनकी रोज मॉनिटरिंग की जाती है। मैंने बीईओ से मामले को देखने कहा था, काम हो गया होगा। -सीआर प्रसन्ना, कलेक्टर धमतरी