Jun 2, 2021
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के खनिज बहुल जिलों में गठित जिला खनिज न्यास संस्थान यानी डीएमएफ की समिति को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। अब डीएमएफ समिति से प्रदेश सरकार के सभी प्रभारी मंत्री बाहर हो जाएंगे। इस मामले पर अब सियासत तेज हो गई। पक्ष विपक्ष आमने सामने है।
छत्तीसगढ़ के खनिज बहुल जिलों में गठित जिला खनिज न्यास संस्थान यानी डीएमएफ की समिति से प्रदेश सरकार के सभी प्रभारी मंत्री बाहर हो जाएंगे। केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि डीएमएफ की समिति में अब जिला कलेक्टर ही अध्यक्ष होंगे।
केंद्र सरकार के खान मंत्रालय द्वारा 23 अप्रैल 2021 को जारी आदेश के तहत डीएमएफ समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे, सांसद सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इस आदेश से ये भी साफ है कि इसमें विधायकों के लिए कोई स्थान नहीं रखा गया है। लिहाजा छत्तीसगढ़ के जो विधायक इन समितियों में शामिल थे, अब वे भी समितियों से बाहर होंगे, लेकिन छत्तीसगढ़ में डीएमएफ को लेकर बनने वाले नए नियम में इस बात की गुंजाइश हो सकती है कि विधायकों को भी समिति में शामिल किया जाए। अब मामला गरमा रहा है।
दरअसल कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए भी ये सवाल उठाती रही है कि चुने हुए प्रतिनिधियों को अधिकार से वंचित कर कलेक्टरों को अधिकार दिए गए हैं। उस समय ये व्यवस्था पिछली राज्य सरकार ने बनाई थी। अब पक्ष विपक्ष इस मामले में आमने सामने है। छत्तीसगढ की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस इसका विरोध एक रही है तो वही भाजपा इस बदलाव को जरूरी बता रही है।








