Apr 3, 2024
List of BJP candidates for Lok Sabha elections: मध्य प्रदेश की 24 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी गई है. रीवा लोकसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर सांसद जनार्दन मिश्रा पर भरोसा जताया है. लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने सेमरिया की पूर्व विधायक नीलम मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है.
देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं, मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर 4 चरणों में चुनाव होंगे. रीवा में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा. बीजेपी ने 2 मार्च को रीवा संसदीय सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा की थी, जिसमें मौजूदा सांसद जनार्दन मिश्रा को उम्मीदवार घोषित किया गया था. कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन में बड़ी जद्दोजहद के बाद करीब 21 दिन बाद कांग्रेस ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए समेरिया की पूर्व विधायक नीलम मिश्रा को रीवा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
रीवा बनी प्रदेश की हॉट सीट
प्रदेश की 29 सीटों में से रीवा हॉट सीट बन गई है. क्योंकि, कांग्रेस ने नीलम मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा है. नीलम मिश्रा का नाम आते ही बीजेपी के लोगों में बेचैनी होने लगी. अब इस सीट पर मिश्रा और मिश्रा के बीच ही मुकाबला होगा.
अब बारी है 2024 के लोकसभा चुनाव की, रीवा संसदीय सीट पर पिछले 10 साल से बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का कब्जा है. बीजेपी ने एक बार फिर जनार्दन मिश्रा पर भरोसा जताया और उन्हें तीसरी बार अपना उम्मीदवार घोषित किया. लेकिन, कांग्रेस द्वारा नीलम मिश्रा के नाम की घोषणा के बाद रीवा लोकसभा चुनाव एकतरफा नहीं रह गया है. अब यह बेहद दिलचस्प हो गया है, पूरे प्रदेश की नजर इस सीट पर रहेगी.
जनार्दन मिश्रा की छवि सोम के नेताओं के बीच आम रही है. छात्र जीवन से ही समाजवादी सोच के साथ राजनीति से जुड़े रहे जनार्दन मिश्रा ने संगठन में बड़ा योगदान दिया है और लगातार दो बार जिला अध्यक्ष के रूप में पार्टी की सेवा की है। कानून की पढ़ाई के बाद वह राजनीति में सक्रिय हो गये।
डिप्टी सीएम के करीबी हैं जनार्दन मिश्रा
जनार्दन मिश्रा मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के काफी करीबी माने जाते हैं. संघ और संगठन के करीब रहने का फायदा भी जनार्दन को मिला है. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो रीवा से सांसद जनार्दन मिश्रा ने 3 लाख 12 हजार 860 वोटों से जीत हासिल की और अब तक सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते और पूर्व विधायक सुंदरलाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थ तिवारी को हराया था.
बीजेपी की पूर्व विधायक रह चुकी हैं नीलम
नीलम मिश्रा का बीजेपी से गहरा नाता है. वह 2013 में बीजेपी के टिकट पर सेमरिया सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनीं. 2008 में बीजेपी ने इसी सीट से नीलम मिश्रा के पति अभय मिश्रा को टिकट दिया, वो जीत भी गये. लेकिन, साल 2018 में उनके और बीजेपी के बीच दूरियां आ गईं. एक के बाद एक पति-पत्नी ने छोड़ी बीजेपी. इसके बाद अभय ने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद नीलम मिश्रा ने भी बीजेपी छोड़ दी.
2023 में बीजेपी के हो गए थे अभय नीलम मिश्रा
2023 के विधानसभा चुनाव में अभय मिश्रा पत्नी नीलम मिश्रा के साथ एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो गए. दोनों को लग रहा था कि पार्टी उन्हें सेमरिया सीट से मैदान में उतारेगी. पर ऐसा हुआ नहीं। इसके बाद अभय मिश्रा अपनी पत्नी के साथ बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और सेमरिया से विधानसभा का टिकट ले लिया. चुनाव में अभय मिश्रा ने बीजेपी उम्मीदवार को महज 637 वोटों से हरा दिया और बीजेपी के गढ़ रीवा की आठ सीटों में से एक सिमरिया पर कब्जा कर लिया.