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ग्वालियर : सहकारी गृह निर्माण समिति में करोड़ों रूपए के प्लॉटों का फर्जीवाड़ा उजागर

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Jan 17, 2020

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लैंड माफिया के बाद अब ऑपरेशन सहकारी गृह निर्माण समिति शुरू हो गया है। ये वो समितियां हैं, जिन्होनें करोड़ों रूपए के प्लॉटों का फर्जीवाड़ा किया है। शुरूआती दौर में ग्वालियर जिले में 167 समितियों का घोटाला उजागार हुआ है। जिन्होनें एक हजार से ज्यादा सरकारी प्लॉटों में बंदरबांट किया है। फिलहाल ऐसी समितियों को लिस्टेड कर दिया गया है जिनके ऊपर कार्रवाई सोमवार से प्रस्तावित है। वहीं शिकायतकर्ता की माने तो गृह निर्माण सोसायटियों का यह घोटाला व्यापमं फर्जीवाड़े से भी ज्यादा बड़ा है।

गृह निर्माण समितियों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री कमलनाथ के एंटी माफिया सेल की निगाहें अब सहकारी गृह निर्माण समितियों पर हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ की वीसी के बाद कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कहा है कि, अगले सप्ताह से गृह निर्माण समितियों पर कार्रवाई प्रारंभ कर देंगे। इसके लिए सभी अफसरों को होमवर्क करने के लिए कहा गया है। इस दौरान ग्वालियर में लगभग 167 समितियां हैं, इनमें से कुछ में भारी पैमाने पर गड़बड़ी की गई हैं जिन्हें लिस्टेड कर लिया है।

इन समितियों को किया चिन्हित
दरअसल, गृह निर्माण समितियों के घोटाले में प्रशासन ने इन समितियों को चिन्हित किया है। आनंद नगर और शताब्दीपुरम योजना में अशोक गृह निर्माण सहकारी समिति, ग्वालियर गृह निर्माण सहकारी समिति ने प्राधिकरण के पूर्व सीईओ के फर्जी साइन से 150 प्लॉटों में घोटाले को अंजाम देने का काम किया है। समितियों ने आवास नीति 1995 के दिए गए निर्देशों से ज्यादा भूखंड फर्जी तरीके से जीडीए अधिकारी द्वारा आवंटित कर दिए गए हैं। वहीं 28 अक्टूबर 1997 को 12 प्लॉट आवंटित किए गए। इसी दिनांक को इसी समिति को कुल 150 प्लॉट आवंटित करने की जानकारी भी प्राधिकरण द्वारा दी गई। ईओडब्ल्यू के मु्ख्यालय ने प्राथमिकी दर्ज करके, ग्वालियर ईओडब्ल्यू को जांच करने के आदेश दिए है। अधिकांश आनंदनगर और शताब्दीपुरम की योजना में ही घोटाला हुआ है। इन गृह निर्माण समितियों के फर्जीवाड़ा उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट की माने तो ये घोटाला करोड़ों रूपए से ज्यादा का है जिनमें सोसायटी के जरिए घोटालों को अंजाम दिया गया है। 

घोटाले से जुड़ीं 26 फाइलें गुम
गृह निर्माण समितियों के घोटाले की जद में समितियों के पदाधिकारी तो आएंगे ही लेकिन इनमें सबसे ज्यादा वो अफसर निशाने पर होगें, जिनके कार्यकाल में ये घोटाला हुआ है क्योंकि ग्वालियर विकास प्राधिकरण में गृह निर्माण समितियों के घोटाले से जुड़ी हुई 26 फाइलें गुम हैं। जिनकी एफआईआर भी दर्ज है।