May 29, 2024
मध्यप्रदेश में लोकसभा के चुनाव पूरे होने के बाद अब सभी को नतीजों का बेसब्री से इंतजार है. नतीजे 4 जून को आने वाले है. ऐसे में चुनावी अधिकारियों की जिम्मेदारियां भी बड़ती जा रही है. अब पूरी टीम मतगणना के लिए तैयारियों लगी हुई.
कैसे होती है मतगणना , ये है पूरी प्रोसेस
प्रदेश के 52 जिलों में काउंटिंग होनी है जिस वजह से सभी जिलों में काउंटिंग रुम बनाए गये है. 4 जून 2024 के दिन प्रत्याशी या फिर उनके प्रतिनिधियों के सामने अधिकारियों द्वारा स्ट्रॉन्ग रुम खोले जाएंगे जहां पर ईवीएम को रखा गया है.इसके बाद जो कर्मचारी है वो टेबल की तय संख्या के हिसाब से कंट्रोल यूनिट ईवीएम को निकालकर बहार रखेंगे.हर टेबल पर 3 अधिकारी , काउंटिंग सुपरवाइजर , माइक्रो ऑब्जर्वर , काउंटिंग असिस्टेंट बैठेंगे
ऑन होते ही ईवीएम बताएगी किसको कितने वोट मिले
जाली के बहार जो प्रत्याशीयों के ऐजेंट मौजूद रहेंगे उन्हे पोलिंग बूथ एड्रेस और नंबर दिखाया जाएगा. उनके पास पहले से एक कॉपी मौजूद रहेगी जिसमे यह दर्ज होगा की कौनसी मशीन किस मतदान केंद्र की है. फिर सभी मशीनो को खोला जाएगा . यूनिट जैसे ही चालू होगी तो बताएगी कि किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले है.
फिर शुरु होगा काउंटिंग का सिलसिला
मतगणना वाले दिन माइक्रो ऑब्जर्वर यूनिट में रिजल्ट का बटन दबाएंगे. इसके बाद मशीन प्रोसेस करेगी और प्रत्याशीयों की जानकारी के साथ वोटिंग शुरु और खत्म होने की जानकारी देगी. जिसके बाद प्रत्याशीयों को मिले वोटों की गिनती सामने आयेगी. इस जानकारी को दर्ज करने के बाद जैसे ही प्रक्रिया पूरी होगी तो इसके बाद एजेंट्स से साइन कराए जाएंगे. इसके बाद दर्ज जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को भेजी जाएगी. एक विधानसभा क्षेत्र में काउंटिंग के लिए लगी टेबलों पर एक साथ मतगणना होगी. जैसे ही सभी टेबलों पर काउंटिंग हो जाएगी तो उसे एक राउंड की काउंटिंग माना जाएगा.
बेलेट पेपर की काउंटिंग सबसे पहले
सबसे पहले सुबह 8 बजे से विधानसभा सीटों के बेलेट पेपर की काउंटिंग होगी. इसके बाद ईवीएम से वोटों की गणना शुरु होगी.