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MP Mission 2023: मप्र में पन्ना प्रमुखों से चुनावी जंग जीतने की तैयारी, बूथ अध्यक्षों को दी गई जिम्मेदारी

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Dec 10, 2022

बीजेपी गुजरात चुनाव में मिली शानदार सफलता को मध्य प्रदेश में भी दोहराना चाहती है। इसके लिए राज्य में गुजरात चुनाव मॉडल लागू करने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। पन्ना प्रमुख को गुजरात की जीत का मुख्य हथियार माना जा रहा है। इसी तर्ज पर भाजपा ने पन्ना प्रमुख के सहारे मध्य प्रदेश में 2023 के चुनाव में जीत हासिल करना शुरू कर दिया है। पार्टी का दावा है कि उसने अब तक चार लाख पन्ना अध्यक्ष तैयार किए हैं। बूथ अध्यक्षों को पन्ना अध्यक्ष बनाने और एप से जोड़ने की जिम्मेदारी भी दी गई है। बता दें कि पन्ना प्रमुख वह होता है जिसके पास मतदाता सूची के एक पन्नो की जिम्मेदारी होती है।

बीजेपी ने मध्य प्रदेश में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। उनका पूरा फोकस पन्ना प्रमुखों पर है। प्रदेश के 64 हजार 100 बूथों पर बीजेपी पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है। करीब 13 लाख बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठन एप से जोड़ा जा चुका है। बूथ पर भाजपा ने बूथ अध्यक्ष, महासचिव व बीएलए को नियुक्त किया है। इसके साथ ही पन्ना प्रमुख और पन्ना समिति भी बनी, लेकिन उनकी संख्या कम है। अब भाजपा ने बूथ अध्यक्षों को पन्ना प्रमुख व समितियां बनाकर डिजिटल एप से जोड़ने का निर्देश दिया है।

मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में 18 लाख पृष्ठ हैं, जो बढ़कर 20 लाख के करीब होने की उम्मीद है। इसे देखते हुए बीजेपी को मध्य प्रदेश में ही एक करोड़ से ज्यादा पन्ना समिति सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। यह एक बड़ा आंकड़ा है, जिसे बीजेपी हासिल करना चाहती है। यदि वह सफल होता है, तो उसके पास प्रति सदस्य परिवार के तीन मतदाताओं के आधार पर सीधे तीन करोड़ वोट होंगे। फिलहाल भाजपा में पन्ना चार लाख ही अध्यक्ष बने हैं। इन पन्ना अध्यक्षों के सहारे भाजपा घर-घर पहुंचेगी। गुजरात की जीत के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि अब हम पन्ना प्रमुख से आगे जाकर डोर टू डोर कैंपेनिंग कर रहे हैं। अब भाजपा का कोई न कोई घर-घर जाकर लोगों से बातचीत करेगा। बता दें कि इसमें पन्ना प्रमुख की भूमिका अहम होगी।

ये है बीजेपी की रणनीति

भाजपा की रणनीति न केवल पन्ना प्रमुख के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को बढ़ावा देने की है, बल्कि लाभार्थियों को जोड़ने की भी है। पीएम आवास उन लाभार्थियों की मैपिंग और पहचान करेगा जो स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत कर्ज लेंगे। और उन्हें पार्टी की विचारधारा से जोड़ने का काम करेंगे। भाजपा के बूथों के डिजिटाइजेशन से संगठन के फैसलों और फैसलों की जानकारी कार्यकर्ताओं तक एक क्लिक में पहुंच जाएगी। बूथ कार्यकर्ता पब्लिक फीडबैक एप के जरिए आसानी से कम समय में संगठन तक पहुंच सकेंगे। जिस पर पार्टी को फैसला लेने में आसानी होगी। पार्टी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में भी आसानी होगी।

पन्ना कमेटी बीजेपी

चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के प्रत्येक पृष्ठ पर 30 नाम हैं। बीजेपी ने एक पेज पर 30 नामों में से पांच लोगों को पार्टी की पेज कमेटी का सदस्य बनाया है, यानी चुनाव आयोग की सूची में हर छठा शख्स बीजेपी पन्ना कमेटी का सदस्य है। पन्ना के प्रत्येक सदस्य के घर में कम से कम तीन सदस्य होते हैं। कई पन्ना सदस्यों के घरों में भी 4-5 वोटर मौजूद हैं, जिससे उसका वोटर बेस बढ़ेगा। पार्टी के नेता इसमें मामूली रूप से जोड़ते हैं, हालांकि पन्ना के प्रत्येक सदस्य को सदन से तीन वोट मिलते हैं। पन्ना समिति का एक पन्ना अध्यक्ष भी होता है, जो सभी सदस्यों के संपर्क में रहता है। पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी है कि वह अपने 30 वोटरों से बात करें और उनसे संपर्क कर तय करें कि वे सभी बीजेपी को वोट और वोट दें। उत्तर प्रदेश और गुजरात में सफल रहे इस प्रयोग ने उन लोगों को समिति का सदस्य बनाने की कोशिश की जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है।

क्या करती है पन्ना समिति ?

पन्ना प्रमुख हर मतदाता से फोन पर मिलते हैं और उनसे बातचीत करते हैं। उसकी जिम्मेदारी तब तक खत्म नहीं होती जब तक उसके पेज का आखिरी वोटर वोट डालने नहीं पहुंच जाता। प्रत्येक पृष्ठ चुनाव शुरू होने से पहले और उसके समाप्त होने के बाद मुख्य रिपोर्ट तैयार करता है। उनकी प्रतिक्रिया तय करेगी कि कितने लोगों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। यह जीतने की संभावनाओं का भी अंदाजा देता है। इसके अलावा चौक-चोरस्ता में होने वाली परिचर्चाओं में पन्ना समितियों के सदस्य भाजपा की रीति-नीतियों के दूत के रूप में भी कार्य करते हैं। ये समितियां बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने का काम करती हैं। साथ ही यह भी बताता है कि किन क्षेत्रों में अधिक प्रयास की जरूरत है। फीडबैक से पता चलता है कि इलाके की जरूरत और माहौल को ध्यान में रखते हुए बीजेपी की रणनीतिक टीमें अपनी योजनाओं पर आगे बढ़ती हैं।

गुजरात में क्या किया?

पूरे गुजरात में भाजपा के 85 लाख पन्ना समिति सदस्य हैं। उनमें से 82 लाख सत्यापित भी हैं। नाम, मोबाइल नंबर, पता, परिवार के सदस्यों के नाम, वोटर आईडी की स्कैन कॉपी, उनके आधार आईडी की कॉपी, इन सदस्यों की फोटो जैसी पूरी जानकारी पार्टी के डेटा सेंटर में है। बीजेपी ने हाईटेक तकनीक से पन्ना समिति के इन सभी सदस्यों को डाटा सेंटर से जोड़ा। पार्टी का कोई भी नेता एक क्लिक पर पन्ना समिति के सदस्य से बात कर सकता है।

डोर टू डोर संपर्क

बीजेपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि, बीजेपी ने बूथ को डिजिटाइज कर दिया है। भाजपा के कार्यकर्ता हर चुनाव में सक्रिय रहते हैं। इसका उपयोग डोर टू डोर संपर्क के लिए किया जाता है। अब तकनीक के माध्यम से हम कार्यकर्ताओं के माध्यम से हितग्राहियों से संपर्क कर अपनी विचारधारा, सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचा रहे हैं। हम आने वाले समय में रणनीतिक रूप से चरणबद्ध तरीके से इसमें तेजी लाएंगे।