Oct 9, 2023
राजधानी भोपाल, जिसे झीलों की नगरी भी कहा जाता है। इस शहर का बड़ा तालाब और छोटा तलाब बेहद लोकप्रिय है। फेमस तलाब के साथ-साथ पर्यटकों के बीच पर्यटक स्थल भी बेहद फेमस है। इसके अलावा ये तो आप सभी जानते हैं, भोपाल शहर स्वच्छता के मामले भी काफी आगे रहता है। भोपाल शहर में शौर्य स्मारक, भारत भवन, भीमबेटका, शहीद भवन जैसी जगह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। अगर आप भी लेक ऑफ सिटी भोपाल घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले यहां के खूबसूरत और लोकप्रिय जगहों के बारे में जरूर जान लें।
भोपाल का बड़ा तालाब - Upper Lake in Bhopal
भोपाल में सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक, ऊपरी झील, जिसे स्थानीय रूप से 'भोजताल' या 'बड़ा तालाब' कहा जाता है, भारत की सबसे पुरानी मानव निर्मित झील है। माना जाता है कि इस झील का निर्माण राजा भोज ने करवाया था। इस झील के आसपास कमला पार्क नाम का एक बहुत बड़ा गार्डन है, जो इसकी शोभा को और बढ़ा देता है। झील और इस खूबसूरत पार्क को देखने के लिए सैलानी जरूर यहां आते हैं। इस झील में सुबह 6 बजे से रात के 7 बजे के बीच कभी भी आ सकते हैं।
भोपाल का वन विहार राष्ट्रीय उद्यान - Van Vihar National Park
ऊपरी झील के नजदीक स्थित, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में अपरिहार्य पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां विदेशी फूलों की प्रजातियों के अलावा ब्लैकबक, चीतल, सांभर, ब्लू बुल, साही, जंगली सूअर और लकड़बग्घा जैसे वन्यजीवों की एक विस्तृत श्रृंखला का भी घर है। ये जगह एडवेंचर और प्रकृति प्रेमियों के लिए एकदम बेस्ट है। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में जानवरों को मांसाहारी और शाकाहारी दो भागों में बांट दिया गया है। शाकाहारी जानवरों के क्षेत्र में लोगों को घूमने की अनुमति है। यहां आप मंगलवार छोड़कर किसी भी दिन सुबह 7 बजे से रात 77 बजे के बीच घूमने जा सकते हैं। यहां प्रति व्यक्ति फीस 15 रुपए है और विदेशियों के लिए 200 रुपए है।
भोपाल में सांची स्तूप - Sanchi Stupa in Bhopal
पूरे भारत में घूमने के लिए सबसे अपराजेय स्थानों में से एक, सांची स्तूप की भव्यता आज तक बेजोड़ है। माना जाता है कि तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में उत्पन्न हुई ये इमारत मौर्य राजवंश के महान सम्राट अशोक के शासनकाल में बनाई गई थी और यह देश के सबसे उल्लेखनीय बौद्ध स्मारकों में से एक है। मौर्य राजा ने बौद्ध धर्म की पहुंच को फैलाने के लिए पूरे देश में भगवान बुद्ध के नश्वर अवशेषों को पुनर्वितरित करने का कार्य किया। स्तूप के विशाल गुंबद में एक केंद्रीय तिजोरी है जहां भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं। सांची स्तूप रोजाना सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुलता है। यहां जाने की एंट्री फीस 10 रुपए है और विदेशियों के लिए 250 रुपए है।
भोपाल का भीमबेटका गुफाएं - Bhimbetka Caves in Bhopal
भोपाल से लगभग 45 किमी दक्षिण में स्थित, स्मारक भीमबेटका गुफाओं को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। ऐसा माना जाता है कि गुफाएं 30,000 साल से भी पुरानी हैं। माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के भीम के चरित्र से संबंधित है, इसलिए इसका नाम भीमबेटका पड़ा है। गुफाओं के भीतर सुंदर रूप से गढ़ी गई चट्टानों की संरचनाओं के कारण, जो घने, हरे-भरे वनस्पतियों और लकड़ियों से घिरी हुई हैं, एक खूबसूरत अनुभव करवाती हैं। भोपाल में घूमने के लिए सबसे आकर्षक स्थानों में से एक, भीमबेटका गुफाएं वास्तव में अपने आप में कला का एक नमूना है। पर्यटक यहां सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां की एंट्री फीस भारतियों के लिए 10 रुपए है और विदेशी पर्यटकों के लिए 100 रुपए है।
भोपाल का बिरला संग्रहालय - Birla Museum in Bhopal
भोपाल में घूमने के लिए सबसे मंत्रमुग्ध करने वाली जगहों में से एक, प्रसिद्ध बिड़ला संग्रहालय शानदार बिड़ला मंदिर परिसर का एक हिस्सा है, जिसमें भगवान शिव और देवी पार्वती का पवित्र मंदिर और एक लक्ष्मी-नारायण मंदिर भी है। अरेरा हिल्स में स्थित, ये भव्य संग्रहालय से आप शहर का मनोरम दृश्य भी देख सकते हैं। पर्यटकों के लिए यहां घूमने का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक है। यहां की फीस 5 रुपए और विदेशियों के लिए 50 रुपए है।
भोपाल का ट्राइबल म्यूजियम - Tribal Museum in Bhopal
भोपाल में सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक, मध्य प्रदेश का ये म्यूजियम अत्यंत सुनियोजित है। यहां आप आदिवासी संस्कृति देख सकते हैं। आदिवासी जीवन की कुछ मूल बातें सीखने के लिए प्रवेश द्वार पर एक ब्रोशर भी दिया जाता है, जिसकी मदद से आप इस म्यूजियम में मौजूद चित्रों और वास्तुकला को आसानी से समझ सकते हैं। परिसर को सावधानी से 6 गैलरीज में विभाजित किया गया है, जो जनजातीय संस्कृति, जीवन, कला और पौराणिक कथाओं को समर्पित हैं। यदि आप इतिहास के शौकीन या पौराणिक कथाओं के शौकीन हैं, तो यह जगह आपको जरूर देखनी चाहिए।