Dec 23, 2022
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे अपराध नियंत्रण और महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा करें। ताकि प्रदेश में कानून का राज कायम हो सके। साथ ही मदरसे में अन्य गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मदरसों में पढ़ाई की जगह अन्य गतिविधियां कराई जा रही हैं। लेकिन, पुलिस को अब इस काम में तेजी लाने की जरूरत है। इसके अलावा उत्तराखंड में अवांछित आबादी आकर बस रही है। यह चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी होगी। पुलिस मंथन सप्ताह के दौरान पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे अपराध नियंत्रण और महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा करें। ताकि प्रदेश में कानून का राज कायम हो सके। पुलिस मुख्यालय में 25 दिसंबर तक पुलिस मंथन सप्ताह का आयोजन किया जाएगा।
मंथन के प्रथम सत्र में पुलिस ने मुख्यमंत्री को इस वर्ष की उपलब्धियों और अभियान से अवगत कराया। साथ ही भविष्य की कार्ययोजना के बारे में बताया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस की पहल की सराहना की। उन्होंने पुलिस की फिटनेस और धारणा प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने अपराधियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाना है। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।
राज्य सरकार की सरलीकरण नीति में महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए गौर शक्ति योजना का डिजिटलीकरण किया गया है। इसके तहत गौर शक्ति एप पर 45,216 महिलाओं का पंजीकरण कराया गया। मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों से संपर्क में रहकर उनकी तत्काल मदद करने और उनकी शिकायतों का समाधान करने को कहा।
पुलिस विभाग में अगले साल एक हजार कांस्टेबलों की भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में 1500 से अधिक आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक पीआरडी के जवान पुलिस का सहयोग जरूर करेंगे। पुलिस उसी के अनुसार अपनी ड्यूटी लगाएगी। ताकि पुलिस के काम में किसी तरह की दिक्कत न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जघन्य अपराधों के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई की जाये। इसके लिए अलग से अभियोजन अधिकारी नियुक्त किया जाए। इसलिए सजा का प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा भी हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अपने मातहतों के साथ सम्मान से पेश आने के निर्देश दिए। इसलिए वे बेहतर प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में वे सम्मान की भावना महसूस करेंगे और दृढ़ इच्छाशक्ति से कार्य करेंगे।
पुलिसकर्मियों ने भी अपनी समस्या मुख्यमंत्री को बताई। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जवानों के ठहरने की व्यवस्था बढ़ाई जाएगी। भवन निर्माण का बजट बढ़ाया जाएगा। साथ ही वाहन क्रय प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाएगा।