Dec 1, 2025
गीता महोत्सव शुरू: CM मोहन यादव बोले – हर बच्चे के बस्ते में होनी चाहिए भगवद् गीता
उज्जैन के दशहरा मैदान में सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम शुरू किया और कहा कि गीता सिर्फ धार्मिक ग्रंथ नहीं, जीवन जीने की प्रैक्टिकल किताब है। इसे हर स्कूली बच्चे के बस्ते में जगह मिलनी चाहिए। (58 शब्द)
“गीता से मिलेगी, तो जीवन संवरेगा”
सीएम यादव ने कहा, “श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता बताती है कि शिक्षा में अमीरी-गरीबी का भेद नहीं होता। गीता व्यावहारिक ज्ञान देती है। हमने इसे पाठ्यक्रम में प्रमुखता दी है ताकि नई पीढ़ी कर्म, कर्तव्य और संयम सीखे।”
तीन दिन तक चलेगा रंगारंग आयोजन
1 से 3 दिसंबर तक चलने वाले महोत्सव में हर शाम नृत्य-नाटिका होगी:
सोमवार: पुनीत इस्सर निर्देशित “जय श्री कृष्ण-गीता सार”
मंगलवार: वैष्णवी शर्मा और मोहित शेवानी का “कृष्णावतार”
बुधवार: सलाउद्दीन पाशा की “गीता ऑन व्हील्स” के साथ समापन
इसके अलावा माधव दर्शनम प्रदर्शनी में लघु चित्र शैली में गीता के दृश्य प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
संतों-विद्यार्थियों का जमावड़ा
कार्यक्रम में सैकड़ों संत, बटुक और स्कूली बच्चे शामिल हुए। संत रंगनाथाचार्य महाराज का विशेष सम्मान किया गया। सीएम ने दिनभर की व्यस्तता बताते हुए कहा कि दोपहर में भोपाल और शाम को इंदौर में भी गीता महोत्सव के कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।
गीता केवल पूजा की किताब नहीं
आयोजकों ने बताया कि यह महोत्सव समाज में ज्ञान, अनुशासन और सकारात्मकता का संदेश फैलाने का बड़ा माध्यम बनेगा। गीता जीवन दर्शन है, जो हर उम्र और हर वर्ग के लिए प्रासंगिक है।








